पाकिस्तान कर रहा बांग्लादेश से नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश, यूनुस सरकार के लिए खोला कराची पोर्ट

नई दिल्ली : बांग्लादेश और भारत के रिश्तों में आई तल्खी के बाद अब पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से ही पाकिस्तान बांग्लादेश के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है और यूनुस सरकार को नए-नए ऑफर भी दे रहा है। इस बीच सोमवार को पाकिस्तान ने बांग्लादेश को जूट उत्पादों और अन्य वस्तुओं के निर्यात के लिए अपने कराची पोर्ट के इस्तेमाल की पेशकश की है।
पाकिस्तान ने बांग्लादेश को यह लाइफलाइन ऐसे समय में दिया है जब भारत ने बांग्लादेशी जूट के जमीनी रास्ते से निर्यात का दरवाजा बंद कर दिया है। इससे पहले पाकिस्तान और बांग्लादेश ने दो दशक के लंबे समय के बाद ढाका में एक अहम बैठक आयोजित की थी। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में भारत बांग्लादेश के बिगड़ते संबंधों के बीच एक अवसर को भांपते हुए पाकिस्तान ने बांग्लादेश को कराची पोर्ट के इस्तेमाल की पेशकश की है, जिससे ढाका को चीन, खाड़ी और मध्य एशियाई देशों जैसे देशों के साथ व्यापार का एक प्रवेश द्वार मिल जाएगा।
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने बांग्लादेश को जूट निर्यात बढ़ाने में मदद करने के लिए जूट और कुछ अन्य उत्पादों पर टैक्स कम करने का भी फैसला किया है। इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान ने बांग्लादेश से जूट आयात पर 2 फीसदी सीमा शुल्क भी हटा दिया था। वहीं पिछले साल पांच दशकों में पहली बार एक पाकिस्तानी मालवाहक जहाज बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पर पहुंचा था।
इससे पहले भारत ने जमीनी रास्तों से बांग्लादेश से बुने हुए और रेडिमेड कपड़ों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। भारत ने यूनुस सरकार के भारत वृद्धि कदमों और आपत्तिजनक बयानों के खिलाफ एक्शन लेते हुए एक ट्रांसशिपमेंट समझौते को भी रद्द कर दिया था। भारत के इस कदम के बाद जुलाई में इस क्षेत्र से बांग्लादेश की निर्यात में भारी कमी हुई है।



