नई दिल्ली। रूस (Russia) से दोहरे उपयोग की सामग्री खरीदने के पाकिस्तानी(blow to pakistan) प्रयास को तगड़ा झटका लगा है। वह रूस (Russia) को धोखे में रखकर हैंड-फुट कन्टेमिनेशन (एटमी सामग्री) Hand-foot contamination (atomic material) खरीदने के लिए वहां की निजी कंपनियों से सौदा कर ये वस्तुएं पाकिस्तान के चश्मा क्षेत्र स्थित परमाणु संयंत्र (Nuclear Plant) के लिए भेज रहा था। रूस (Russia) को जब यह पता लगा तो वह इस सौदे से पीछे हट गया और उसने पाकिस्तान को इस सामग्री का निर्यात रोक दिया।
रूस (Russia) ने पाकिस्तानी कंपनियों (Pakistani companies) को निर्यात करने से इनकार कर दिया है, जिसे तबाही का सामान कहा जाता है। रूस ने पाकिस्तान से दोहरे इस्तेमाल में काम आने वाली इस सामग्री को बेचने का करार भी रद्द कर दिया है। करार रद्द होने के बाद रूसी कंपनी की तरफ से बताया गया है कि, पाकिस्तान कंपनी ने झूठ बोलकर और गलत जानकारियों के साथ यह करार किया था, जबकि पाकिस्तान का मकसद उस सामग्री का इस्तेमाल परमाणु संयंत्र के लिए करना था।
यह समझौता रूस की एम/एस टेक्नोसेंटर लिमिटेड और लाहौर की एम/एस हसन साइंटिफिक कॉर्पोरेशन के बीच हुआ था। इसके तहत पाकिस्तान, रूस की कंपनी से छह उपकरण खरीदने वाला था। लेकिन रूस को इस बात की भनक लग गई कि वह इस सामग्री को अपने चश्मा स्थित परमाणु संयंत्र तक भेजने वाला है। इसके बाद उसने तत्काल करार रद्द कर दिया।
पाकिस्तान के साथ करार होने के बाद से ही रूसी अफसर पाक पर कड़ी नजर रख रहे थे। इस निगरानी की पाक को भनक भी नहीं लगी। रूसी अफसरों ने पाक के यूरोपीय बाजार से खरीदे जाने वाले सामान पर भी करीब से नजर बनाए रखी। इसके बाद रूसी अधिकारी ज्यादा सतर्क हो गए क्योंकि ये उपकरण यूरोप के कुछ देशों के अलावा सिर्फ रूस में बनते थे और यूरोपीय देश पाक को ये उपकरण नहीं देते हैं। ऐसे में पाक का इरादा रूसी सामग्री के ही दोहरे इस्तेमाल का था। जबकि पाक को लगा कि रूस के पास ऐसा निगरानी तंत्र नहीं है जो उसकी महत्वाकांक्षा का पता लगा सके। ऐसे में पाक ने रूस को गुमराह कर समझौता किया।