10 साल से शंकर बनकर भारत में रह रहा था पाकिस्तानी परिवार, एक चूक से खुल गई पोल
नई दिल्ली: बेंगलुरु में एक पाकिस्तानी परिवार को गिरफ्तार किया गया है, जो ‘शर्मा परिवार’ के नाम से अवैध रूप से रह रहा था। कराची का राशिद अली सिद्दीकी अपनी पत्नी आयशा, ससुर हनीफ मोहम्मद और सास रुबीना के साथ ‘शंकर शर्मा’ बनकर बेंगलुरु आउटर के राजपुरा गांव में रह रहा था।
पहचान बदलने की कोशिश
इस परिवार ने अपने असली नामों को बदलकर शंकर शर्मा, आशा रानी, राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा रख लिया था। वे स्थानीय हिंदुओं को इस्लाम में कन्वर्ट करने का प्रयास कर रहे थे और इस कार्य के लिए उन्हें पाकिस्तान से फंडिंग भी मिल रही थी। यह गतिविधियाँ न केवल उनकी पहचान को लेकर सवाल उठाती हैं, बल्कि स्थानीय समुदाय में धार्मिक परिवर्तन के प्रयासों को भी दर्शाती हैं। उनकी गतिविधियाँ सुरक्षा बलों के लिए चिंता का विषय बन गई थीं, जिसके परिणामस्वरूप उनकी गिरफ्तारी हुई।
गिरफ्तारी का कारण
पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद चेन्नई एयरपोर्ट से दो पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया गया। जब इन लोगों ने अपने भारतीय होने का दावा किया, तब उनके पासपोर्ट की जांच की गई और पता चला कि वे फर्जी हैं। इसी जांच के दौरान बेंगलुरु में रह रहे सिद्दीकी परिवार का पता चला।
भागने की तैयारी
जब पुलिस ने रविवार को इस परिवार को गिरफ्तार करने की कोशिश की, तब वे भागने की तैयारी में थे। परिवार ने पुलिस को बताया कि वे 2018 से बेंगलुरु में रह रहे हैं। तलाशी के दौरान पुलिस को उनके पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड मिले, जिनमें उनकी हिंदू पहचान दर्ज थी। यह दस्तावेज उनकी पहचान को लेकर उठे सवालों को और गहरा करते हैं, और उनके अवैध प्रवास के मामले को complicate करते हैं।
संदिग्ध गतिविधियाँ
पुलिस ने जब परिवार के घर की तलाशी ली, तो उन्हें दीवार पर “मेहंदी फाउंडेशन इटरनेशनल” का जश्न-ए-यूनुस लिखा हुआ मिला। इसके अलावा, घर के अंदर कुछ मौलवियों की तस्वीरें भी थीं। ये सब बातें इस ओर इशारा करती हैं कि परिवार धार्मिक गतिविधियों में शामिल था। ऐसे संकेत मिले हैं कि वे स्थानीय समुदाय में धार्मिक परिवर्तन का प्रयास कर रहे थे, जो उनकी वास्तविक पहचान और गतिविधियों के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
शादी और प्रवास का इतिहास
राशिद सिद्दीकी की पत्नी बांग्लादेश से हैं, और उनकी शादी ढाका में हुई थी। जानकारी के अनुसार, यह जोड़ा 2014 में दिल्ली आया और फिर 2018 में बेंगलुरु में बस गया। उनके साथ गिरफ्तार किए गए अन्य दो लोग राशिद के ससुराल वाले हैं, जो इस परिवार के साथ ही बेंगलुरु में रह रहे थे। यह जानकारी उनके पीछे के इतिहास और अवैध गतिविधियों को उजागर करने में मदद करती है।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस अब इस परिवार के नेटवर्क की जांच कर रही है। जिगानी के निरीक्षक ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। परिवार ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेंगलुरु में रहने की कोशिश की थी।