अन्तर्राष्ट्रीय

भारत की कार्रवाई से बौखलाया पाकिस्तान, भारतीय राजनयिक को 24 घंटे में देश छोड़ने का अल्टीमेटम

इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध एक बार फिर तनावपूर्ण मोड़ पर पहुंच गए हैं। भारत द्वारा पाकिस्तानी राजनयिक को निष्कासित किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भी उसी अंदाज़ में जवाब दिया है। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर 24 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। यह घटनाक्रम दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सामने आया है, जिससे दोनों देशों के रिश्ते और अधिक खराब हो गए हैं।

पहलगाम हमला और भारत की जवाबी कार्रवाई: ‘ऑपरेशन सिंदूर’
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान-समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ली। इस क्रूर हमले के बाद भारत ने कड़ी सैन्य प्रतिक्रिया दी और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।

सैन्य सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में:

100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर किया गया।

कई आतंकी प्रशिक्षण शिविर तबाह किए गए।

पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली (Air Defence Systems) को भी नष्ट किया गया।

इस सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति को झकझोर दिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचा दी।

संघर्ष विराम की गुहार और डीजीएमओ स्तर की वार्ता
भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने तात्कालिक संघर्ष विराम की अपील की। कुछ ही दिनों बाद, भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ (Director General of Military Operations) के बीच सीधी बातचीत हुई, जिसमें सीमा पर गोलीबारी रोकने और शांति बहाली पर सहमति बनी। हालांकि यह वार्ता एक सकारात्मक कदम थी, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।

राजनयिकों पर जासूसी के आरोप और निष्कासन की कार्रवाई
इन सैन्य घटनाओं के बीच, अब कूटनीतिक मोर्चे पर भी टकराव तेज हो गया है:

भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी पर जासूसी का आरोप लगाते हुए उसे ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ (अवांछित व्यक्ति) घोषित किया और 24 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया।

जवाब में, पाकिस्तान ने भी इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी को निष्कासित कर दिया और उसे भी 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारतीय अधिकारी “असंगत गतिविधियों” में शामिल था, जो उसकी राजनयिक स्थिति के अनुरूप नहीं थीं।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कदम भारत की कार्रवाई के जवाब में उठाया गया है और यह “प्रतिशोधात्मक कार्रवाई” है।

क्या द्विपक्षीय संबंधों में और गिरावट आएगी?
इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भले ही सीमा पर शांति के संकेत मिल रहे हों, लेकिन कूटनीतिक मोर्चे पर दोनों देशों के बीच गहरा अविश्वास बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह स्थिति यूं ही बनी रही, तो इससे व्यापार, पर्यटन, वीज़ा नीति और यहां तक कि क्षेत्रीय स्थिरता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

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