पाकिस्तान की नई चाल, LOC के पास लगा रहा मोबाइल टावर, आतंकियों की ऐसे होगी मदद
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में ये सुरक्षाबलों की लगातार कोशिशों का ही असर था कि तीन दशक से अधिक समय से जारी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद घाटी में दम तोड़ने लगा था. लेकिन अब इसे जिंदा और पोषित करने के लिए पाकिस्तान ने नई साजिश रचना शुरू कर दिया है. आतंकियों की घुसपैठ कराने और ड्रोन से हथियार, ड्रग्स और पैसा भेजने के साथ अब पाकिस्तान अपने ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एलओसी के पास धड़ल्ले से मोबाइल टावर लगा रहा है. नियंत्रण रेखा पर स्थित किसी भी ग्रामीण क्षेत्र में इसका सबूत देखा जा सकता है.
जानकारी के मुकाबिक संघर्ष विराम की आड़ में पाकिस्तान की तरफ से नियंत्रण रेखा पर मोबाइल टावर स्थापित किए जा रहे हैं. इससे पहले आतंकियों की ओर से इक्का-दुक्का सेटेलाइट फोन का प्रयोग किया जाता रहा है, हालांकि इनकी ज्यादा कीमत होने के चलते ये बहुत ज्यादा इस्तेमाल नहीं किए जाते थे. बताया जा रहा है कि इन मोबाइल टावरों के जरिए आतंकियों को अपने मंसूबों को पूरा करने में और आसानी होगी.
इसका इस्तेमाल यहां मौजूद आतंकी और उनके मददगार आपस में संपर्क साधने के साथ ही उस पार बैठे आकाओं से भी आसानी से बात कर सकेंगे. पाकिस्तान (Pakistan) की स्पेशल कम्युनिकेशन आर्गनाइजेशन‚ मौजूदा समय में पाक के कब्जे जम्मूकश्मीर और गिलिकस्तानबालटिस्तान रीजन में संचार सेवा मुहैया करा रही है. एलओसी (LoC) और भारतपाक सीमा के 38 भारतीय इलाकों को इन सिग्नल के जरिए आसानी से प्रभावित किया जा सकता है.
सिग्नल की क्षमता बढ़ाने के बाद यह बड़े टावर उत्तरी कश्मीर के बारामुला एलओसी (LoC) के सामने पाक के कब्जे वाले जम्मूकश्मीर (PoK) के चम‚ सोपोर के सामने लीपावैली‚ कुपवाड़ा के सामने नीलमवैली आदि इलाकों में लगाए जाएंगे. इसके साथ ही पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से टीवी की ट्रांसमिशन पावर को बढ़ाकर बड़ी क्षमता वाले टावर पीओके (PoK) के खूरेटा‚ नीलमवैली आदि इलाकों में स्थापित किए जाएंगे‚ ताकि टीवी के इन ट्रांसमिशन पावर के जरिए भारत विरोधी दुष्प्रचार भारतीय क्षेत्र में फैलाया जा सके.