नई दिल्ली । दुनिया में सबसे ज्यादा खपत वाले पाम तेल (palm oil) की कीमतों में भारी गिरावट (price drop) की उम्मीद है। माना जा रहा है कि सितंबर तक इसका भाव 20 फीसदी गिरकर 673 डॉलर प्रति टन तक जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इंडोनेशिया (Indonesia) से तेल की आपूर्ति में ज्यादा तेजी देखने को मिल रही है।
गोदरेज इंटरनेशनल लि. के निदेशक दोराब मिस्त्री ने कहा कि इंडोनेशिया के शीर्ष निर्यातकों के पास तेल का भंडार बढ़कर एक करोड़ टन हो गया है। ज्यादा उत्पादन के कारण यह अगस्त में भी बढ़ेगा। जबकि सितंबर तक इसका भंडार 90 लाख टन से एक करोड़ टन रह सकता है। उन्होंने कहा, जहाज के साथ हर किसी का उपयोग तेल के भंडारण के लिए किया जा रहा है। पाम तेल की कीमतों में गिरावट से वैश्विक स्तर पर खाद्य महंगाई को कम करने में मदद मिलेगी।
मई और जून में महंगाई अपने शीर्ष पर पहुंच गई थी। इस साल मई में मिस्त्री ने पाम तेल की कीमतों में भारी गिरावट की बात कही थी। अब यह बात सही हो रही है। अप्रैल में इंडोनेशिया ने तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। इससे तेल की कीमतें बढ़ गई थीं। भारत में भी इस वजह से खाने के तेल का भाव ऊंचा हो गया था। हालांकि, प्रतिबंध 3 हफ्ते बाद हट गया था। इंडोनेशिया ने शनिवार को कहा कि वह अगस्त के अंत तक निर्यात लेवी को हटा देगा। उन्होंने कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म होने के बाद पाम तेल की कीमतें और ज्यादा नीचे जा सकती हैं।
पतंजलि फूड्स ने कहा है कि वह जल्द ही सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम तेल की कीमतों में 10 से 15 रुपये प्रति लीटर कटौती करेगी। मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संजीव अस्थाना ने कहा, एक दो दिन में सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की कीमत 10-15 रुपये घटेगी। हालांकि पिछले 45 दिनों में कुल कटौती 30-35 रुपये की हो जाएगी। इससे पहले मदर डेयरी ने 14 रुपये लीटर और अदाणी विल्मर ने 30 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। सरकार ने इसी महीने में तेल कंपनियों को एक हफ्ते में कीमतों को घटाने का निर्देश दिया था। हाल के समय में वैश्विक स्तर पर तेल के दाम में 15-20 फीसदी की कमी आई है।