मजदूरों में खुशी की लहर, बनीकोडर की पंचायतों मिल रहा मनरेगा के तहत रोजगार
महुलारा, ताशीपुर, दुल्लापुर, मालिनपुर, गोरपुर, सहित 92 पंचायतों में चल रहा है काम
बाराबंकी (अजय तिवारी): कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान आर्थिक तंगी से गुजर रहे ग्रामीण मज़दूरों को उनके गांव में ही रोजगार मुहैया कराने सम्बन्धी शासन की मंशा को धरातल पर उतारते हुए बनीकोडर ब्लाक की 92 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत कार्य शुरू हो गया है, बुधवार तक बनीकोडर के विभिन्न ग्राम पंचायतों में 5860 मजदूरों द्वारा कार्य किया गया।
कोरोना वैश्विक महामारी के चलते शासन द्वारा मजदूरों को मनरेगा के तहत उनके गांव में ही काम उपलब्ध कराने के निर्देश पर बनीकोडर ब्लाक में खंड विकास अधिकारी डॉ. आदित्य तिवारी के निर्देश पर महुलारा, ताशीपुर, दुल्लापुर, मालिनपुर, गोरपुर, अहमदपुर, धरौली, भवनियापुर खेवली, कोटवा सड़क, काशीपुर, बाजपुर, सलेमपुर, गैरिया, हाजीपुर, मोहम्मदपुर उपाध्याय, रसूलपुर एवं राजेपुर सहित लगभग सभी 92 ग्राम पंचायतों में बाहर से आए प्रवासियो को होम कोरेन्टाईन की अवधि पूरी होने के बाद तथा गांव के मजदूरों को काम उपलब्ध कराने के लिए किसी गांव में चकरोड तो किसी गांव में तालाब की खुदाई शुरू करा दी गई है।
मौके पर फावड़ा डलिया लेकर काम कर रहे मजदूरों ने कहा कि बड़ी मुश्किल से वह गांव पहुंचे हैं,पहले सोच रहे थे कि गांव में क्या करेंगे लेकिन ग्राम प्रधान ने नरेगा के तहत काम कराना शुरू कर दिया है, जिससे लगता है कि अब आर्थिक समस्या से छुटकारा मिल जायेगा। खंड विकास अधिकारी डॉ आदित्य तिवारी की तैनाती के बाद से ही गरीबो, को सरकार की मंशा के अनुसार लाभ दिया जा रहा है, खंड विकास अधिकारी श्री तिवारी लगातार प्रधानों व ग्राम सचिवों के साथ बैठक कर गांव के गरीबो तक उनका हक पहुचाने के कड़े निर्देश भी देते रहते है जिससे गरीबो को उनका हक मिलता रहता है, कभी भी अगर कोई शिकायत मिलती है तो उसकी जांच खुद कर शिकायत का समाधान कराते है।
अधिकांश मजदूरों के पास मौजूद है जॉबकार्ड जिनका नहीं है उनका भी बनेगा: बीडीओ
खंड विकास अधिकारी डॉ आदित्य तिवारी ने बताया कि मनरेगा के तहत कार्य कर रहे अधिकांश मजदूरों के पास जॉब कार्ड है लेकिन कई जाब कार्ड काफी दिनों तक कार्य न किए जाने के कारण निष्क्रिय हो गए हैं जिन्हें दोबारा सक्रिय कर दिया गया है। श्री तिवारी ने कहा कि जिन मजदूरों के पास जॉब कार्ड नहीं है उसके लिए अभियान चलाकर उनके जॉब कार्ड बनाए जाएंगे तथा सभी को गांव में ही रोज़गार उपलब्ध कराने सम्बन्धी शासन की मंशा को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।