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उत्तर प्रदेश में सरकारी खजाने पर महामारी की मार

अब भरपाई करने के खर्चों में कटौती कर रही सरकार

लखनऊ (राघवेन्द्र प्रताप सिंह):  कोरोना संक्रमण की वजह से देश और दुनिया में त्राहि-त्राहि मची हुई है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा सूबा होने के कारण इस चुनौती को झेलने में भी सबसे आगे खड़ा है। प्रदेश की योगी सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण से हर स्तर पर निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इसके मद्देनजर रोजाना नए फैसले लिए जा रहे हैं।

योगी सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए अपना खजाना पूरी तरह से खोल दिया है। महामारी से निपटने के खर्चों के कारण सरकारी खजाने पर बढ़ा बोझ पड़ा है। इसकी भरपाई के लिए सरकार को अब कई प्रकार के खर्चों में कटौती का फैसला लेना पड़ रहा है।

इस के तहत योगी सरकार मंत्री और विधायकों के खर्च में कटौती करने के बाद अब सरकारी अफसरों की यात्राओं पर भी लगाम लगाएगी, जिससे कि खजाने को खाली होने से बचाया जा सके। वैसे कई अधिकारियों ने महामारी से पहले गर्मी में विदेश यात्रा के लिए छुट्टियां मंजूर कराई थी। लेकिन लॉकडाउन के एलान के बाद अपनी यात्राएं स्थगित कर दी है। वहीं, सरकार ने यात्रा अनुमति रद्द कर दी है।

यात्रा, प्रशिक्षण रोकने से बचेंगे 900 करोड़ रुपये से अधिक

वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए हाल ही में कई अहम फैसले करने के बाद सरकार अब अधिकारियों-कर्मचारियों आदि की विभिन्न यात्राएं व प्रशिक्षण, सामान्य तबादले आदि पर रोक लगा सकती है। रोक लगाए जाने की दशा में 900 करोड़ रुपये से अधिक की बचत होने का अनुमान है। इतना ही नहीं, कोरोना के मद्देनजर स्थिति और बिगड़ने की दशा में वेतन वृद्धि भी स्थगित की जा सकती है।

यूपी सरकार बीते दो-तीन महीने से बढ़ते खर्चे और घटती कमाई के मद्देनजर अपने सभी गैर जरूरी अनावश्यक खर्चों में कटौती करने के साथ ही जरूरी खर्चों को भी कम करने या फिर उन्हें टालने की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार विमर्श कर रही है।

10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के नुक्सान की संभावना

कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन से राज्य सरकार को फिलहाल दस हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने की संभावना दिखाई दे रही है। चूंकि कोविड-19 से बचाव व राहत पर लगातार खर्च भी बढ़ता जा रहा है, इसलिए सरकार हाल ही में एक वर्ष के लिए विधायक निधि निलंबित करने के साथ ही मंत्रियों-विधायकों के वेतन से 30 फीसदी की कटौती, राज्यकर्मियों के डीए को डेढ़ वर्ष तक यथावत रखने सहित छह अन्य भत्ते स्थगित करने जैसे फैसले कर चुकी है।

कटौती सम्बन्धी कई और फैसले ले सकती है सरकार

इसलिए खर्चों में कटौती संबंधी कई और फैसले भी जल्द सरकार ले सकती है। चूंकि अब जो बैठकें होनी हैंं, वह ज्यादातर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही होनी हैं, इसलिए अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर सरकार अधिकारियों-कर्मचारियों की सरकारी यात्राओं पर रोक लगाकर 600 करोड़ रुपये से अधिक बचा सकती है।

बजट में यात्रा व्यय के लिए 672.28 करोड़ रुपये की व्यवस्था है। इसी तरह प्रशिक्षण आदि की यात्राओं पर अंकुश लगाकर 181.68 करोड़ रुपये बचाए जा सकते हैं।

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