मथुरा की तरफ बढ़ी पंडित धीरेंद्र शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा; थके भक्तों को अपने हाथों से पिला रहे जल

मथुरा: बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 7 नवंबर 2025 से शुरू होकर 16 नवंबर तक चलेगी। यह यात्रा दिल्ली के छतरपुर से शुरू होकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई जिलों से गुजरते हुए वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर पर समाप्त होगी। इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू एकता को मजबूत करना, सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करना और श्रीकृष्ण जन्मभूमि आंदोलन को नई दिशा देना है। यात्रा में देशभर से 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के साथ-साथ कई संत, महंत, कलाकार और खेल जगत की हस्तियां शामिल हो रही हैं।
13 नवंबर को मथुरा में प्रवेश
13 नवंबर को यात्रा हरियाणा की सीमा पार कर मथुरा जिले में प्रवेश करेगी। यह कोटवन बॉर्डर से मथुरा में प्रवेश करेगी और कोसी मंडी में रात्रि विश्राम होगा। रास्ते में धीरेंद्र शास्त्री श्रद्धालुओं से मिलते-जुलते, बातचीत करते और आशीर्वाद देते दिखे। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें वे एक भक्त को अपने हाथों से जल पिलाते नजर आ रहे हैं।
मथुरा-वृंदावन में श्रद्धालुओं की भीड़ की संभावना
मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में पदयात्रा के दौरान भारी भीड़ की उम्मीद जताई जा रही है। खबरों के मुताबिक, कई श्रद्धालु घंटों तक दर्शन के इंतजार में रह रहे हैं। प्रशासन ने सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन को लेकर विशेष तैयारी की है। मुख्य मार्गों पर डायवर्जन और भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था की जा रही है।
धीरेंद्र शास्त्री के सात संकल्प
यात्रा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने सात प्रमुख संकल्प घोषित किए हैं। जिनमें- भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर का निर्माण, यमुना नदी की सफाई, गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा, ब्रज क्षेत्र में मांस और मदिरा पर प्रतिबंध, लव जिहाद की रोकथाम, हिंदू एकता को मजबूत करना है।



