अमृतसर : जिले में अधिकतर प्राइवेट स्कूलों द्वारा किताबें, यूनिफॉर्म तथा फीस के नाम पर की जा रही मनमानियां के कारण मची अभिभावकों की तरह ही को शिक्षा विभाग ने गंभीरता से ले लिया है। विभाग के पास जिले के 9 प्राइवेट स्कूलों की शिकायतें पहुंची हैं। विभाग द्वारा चार प्रिंसीपल अधिकारियों की तैनाती करके 4 जांच टीमों का गठन कर दिया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच में कोई भी स्कूल दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने एक बार फिर से स्पष्ट किया है कि कोई भी स्कूल अपने परिसर में किताबें नहीं बेच सकता। इसके साथ ही विभाग द्वारा अभिभावकों को शिकायत के लिए अपनी deose.amritsar@punjabeducation.gov.in मेल आई.डी. भी जारी कर दी है।
बताया जा रहा है जिन स्कूलों की शिकायत मिली है, उनमें से अधिकतर स्कूल सीबीएसई से संबंधित है। स्कूलों की जांच के लिए 4 प्रिंसीपल पर आधारित टीमों का गठन कर दिया गया है, जो मंगलवार से हर स्कूल में जाकर जांच करेंगे। उन्होंने बताया कि अभिभावकों को यदि कोई किसी स्कूल के खिलाफ शिकायत है तो वह उक्त विभाग की ईमेल पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। संबंधित स्कूल के सामने अभिभावक तथा बच्चों का नाम गुप्त रखकर जांच की जाएगी। इसके साथ ही जिला शिक्षा कार्यालय सेकेंडरी में कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया गया है। अभिभावक वहां पर आकर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि कुछ प्राइवेट स्कूल संबंधित कुछ मैनेजमैंट द्वारा अपने अधीन स्कूलों में पढ़ते विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म तथा किताबें किसी खास दुकान या किसी फॉर्म से खरीदने के अलावा अपने स्कूल में ही खरीदने के लिए मजबूर करते हैं। ऐसा करने से विद्यार्थियों व अभिभावकों में भारी रोष पाया जा रहा है, क्योंकि विद्यार्थियों के अभिभावकों को वर्दी व किताबें किसी खास दुकान या फॉर्म से खरीदने के लिए भारी कीमत अदा करनी पड़ती है।
उन्होंने बताया कि सभी प्राइवेट स्कूलों को स्पष्ट किया गया है कि स्कूलों की मैनेजमैंट जो किसी भी बोर्ड से संबंधित है। प्रमाणित किताबें ही विद्यार्थी को लगे तथा यह किताबों की सूचि अपने स्कूल की वेबसाइट पर दिखाएं। इसके साथ ही स्कूल तथा मैनेजमैंट पब्लिशर से निर्धारित सिलेबस जो संबंधित बोर्ड द्वारा बदला नहीं गया। पाठ्यक्रम को आगे पीछे करके पिछले वर्ष के मुकाबले मौजूदा वर्ष में नई किताबें तैयार न करवाए। इसके साथ ही कोई भी स्कूल कम से कम 3 वर्ष तक यूनिफॉर्म न तबदील करें।
उन्होंने बताया कि प्राइवेट स्कूल परिसर में किताबें ओर वर्दियां बेचने पर मुकम्मल पाबंदी है। इसके साथ फीस रैगुलर एक्ट अधीन 8 प्रतिशत फीस में बढ़ौत्तरी न की जाए। विद्यार्थी को स्कूल में न बैठने देना ,परीक्षा न देना, रिजल्ट न देना, फीस, वर्दी तथा किताबों संबंधी किसी स्कूल द्वारा विभाग की हिदायत का उल्लंघन करने वाले स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि जिले अमृतसर के कई प्राइवेट स्कूल शिक्षा विभाग के नियमों को दरकिनार करते हुए अपनी मनमर्जी से कम कर रहे हैं। उक्त स्कूलों की मनमर्जी के कारण जिले में अभिभावक में त्राहि त्राहि मची हुई है। पंजाब केसरी द्वारा अभिभावकों की उक्त मांग को लेकर गंभीरता से मुद्दे को उठाया गया। इसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा सभी प्राइवेट स्कूलों को गाइडलाइन का पाठ पढ़ाते हुए पत्र जारी किया गया तथा अब जो प्राइवेट स्कूलों की शिकायत विभाग को पहुंची है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में शिकायत का सिलसिला जारी रह सकता है तथा 9 से बढ़कर यह शिकायत काफी आगे तक जा सकती है।