राजनीति

पीएम मोदी के खिलाफ साजिश तो नहीं ‘संसद सुरक्षा कांड’!, ‘भगत सिंह’ एंगल पर भी उठे सवाल

दस्तक ब्यूरो। ‘संसद सुरक्षा चूक’ कांड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बड़ी साजिश का हिस्सा तो नहीं था ? कहीं गिरफ्तार आरोपी पीएम मोदी के खिलाफ बड़ी घटना को अंजाम देने के लिये संसद में तो नहीं पहुंचे थे ? आखिर गिरफ्तार आरोपियों के निशाने पर पीएम नरेंद्र मोदी ही क्यों थे ? आखिर विपक्ष संसद सुरक्षा चूक कांड में कड़ी जांच व कार्रवाई के बावजूद इस मामले को लगातार तूल क्यों दे रहा है ?  इस कांड के पीछे कौन हो सकता है ?  ये सब वो सवाल हैं, जो इस मामले में भगत सिंह एंगल के रूप में हुए नये खुलासे के बाद सोशल मीडिया में किये जा रहे हैं..

   दरअसल, संसद सुरक्षा कांड में गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे शहीद भगत सिंह से प्रेरित हैं और उनकी तरह संसद में बम कांड को अंजाम देना चाहते थे। इसके बाद से सोशल मीडिया में इस घटना को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि शहीद भगत सिंह ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ विरोध जताया था, जो जरूरी भी था। लेकिन, मौजूदा घटना में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हिंसक घटना को अंजाम देने की कोशिश की गई, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हालांकि, इस कांड का वास्तविक सच क्या है, यह तो जांच पूरी होने के बाद ही सामने आ सकेगा। वहीं, सोशल मीडिया में चल रही चर्चाओं में ये तर्क दिये जा रहे हैं-

  • हाल ही में भाजपा ने एमपी, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में बड़ी जीत दर्ज की। कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से ध्यान भटकाने की साजिश तो नहीं है ?
  • पीएम नरेंद्र मोदी के राष्ट्रवाद को नीचा दिखाने के लिये संसद सुरक्षा कांड में फिल्मी अंदाज में भगत का किरदार तो शामिल नहीं किया ?
  • पीएम मोदी को निशाना बनाने से किसे राजनीतिक लाभ हो सकता है, इसे लेकर विपक्ष की भूमिका पर भी संदेह जता रहे हैं

आपको बता दें कि 13 दिसंबर को जब पूरा देश 22 साल पहले घटी लोकतंत्र के मंदिर पर आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के बलिदान को याद कर रहा था, तभी संसद के सुरक्षाकवच के चीरते हुए दो लोग संसदभवन के भीतर घुस गए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी गुप्त तरीके से आपत्तिजनक वस्तुओं को संसदभवन के भीतर ले गए थे.

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