कानपुर में ढहा गंगा नदी पर बना 150 साल पुराना ऐतिहासिक पुल का हिस्सा, 1874 में अंग्रेजों ने कराया था निर्माण
कानपुर: उत्तर प्रदेश से मिली एक बड़ी खबर के अनुसार यहां कानपुर और उन्नाव जिले को गंगा नदी से जोड़ने वाला अंग्रेजों के जमाने का पुल जर्जर हालत में ढह गया है। बता दें कि इस पुल का निर्माण आज से तकरीबन 150 साल पहले अंग्रेजों ने कराया था। वहीं अंग्रेजों के जमाने का पुल ये आज भी दो जिलों के बीच सफर करने का एक मात्र जरिया था। इस गंगा पुल का निर्माण डबल स्टोरी में हुआ था।
हालांकि फिर करोना काल के दौरान पुल की हालत जजर्र देख पुल से आवागमन बंद कर दिया गया था। वहीं देर रात अचानक कानपुर की ओर से पुल का हिस्सा ढह गया। हालांकि इस घटना में किसी जनहानि या अन्य नुकसान की सूचना नहीं मिली है। देखा जाए तो कानपुर की ओर से बने 150 साल पुराने गंगा पुल को अंग्रेजों ने बनवाया था, जो आज किसी राष्ट्रीय धरोहर से कम नहीं था क्योंकि आज के ज़माने में भी पुलों की इतनी मजबूती अब देखने को नहीं मिलती है। ये पुल दो जिलों को एक दूसरे से जोड़ता था और अचानक जर्जर होने के चलते इसके ऐसे गिरने से क्षेत्र में अफरा-तफरी भी मच गई।
हालांकि इस पुल को एक धरोहर की तरह संरक्षित करने पर हमेशा जोर तो दिया गया लेकिन इसकी देखरेख और संरक्षण की जिम्मेदारी किसी ने भी आज तक नहीं ली और अब ये पुल अचानक कानपुर की ओर के हिस्से से पिलर नबर 9 और 10 देर रात अचानक ढह गया।
इस पुल के ढहने की आवाज इतनी भयंकर रही कि आस पास के घरों तक इस पुल के गिरने की आवाज पहुंची जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसके ढहने की तस्वीर रात में ही देखी और आज सुबह यहां से गुजरने वाले हर किसी के लिए पुल का इस तरह से ढह जाना खुब अचरज में डाल रहा था। वहीं पल की जर्जर स्थिति को देखते हुए करीब 2 साल पहले ही इसमें आवागमन पर रोक लगा दी गई थी। कहा जाता है कि, अंग्रेजों के जमाने का यह पुल काफी चर्चित रहा है। इसमें पैदल यात्रियों के चलने के लिए नीचे रास्ता बना था जबकि ऊपर गाड़ियां दौड़ती थी। कई फिल्म की शूटिंग भी इस पुल पर हुई है।
जानकारी दें कि, ये पुल अंग्रेजों ने साल 1874 में तैयार करवाया था जिसे तब अवध एंड रुहेलखंड नाम की कंपनी ने बनवाया था। लेकिन इस पुल के इस तरह गिरने से कानपुर के एक खास ऐतिहासिक धरोहर का अनुकसान माना जा रहा है। इस पुल की खास विशेषता यह थी कि, नीचे का तरफ से गुजरने वाले लोग साइकिल या पैदल इस से पुल को पार किया करते थे लेकिन इसके ऊपर बने पुल से भारी वाहन दौड़ते हुए दिखाइए देते थे।