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चारा घोटाले में लालू की सजा बढ़ाने की मांग पर झारखंड हाईकोर्ट में आंशिक सुनवाई, CBI ने मांगी अगली तारीख

रांची : बहुचर्चित चारा घोटाले में देवघर जिला कोषागार से 89.27 लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की सजा अवधि बढ़ाने की सीबीआई की अपील याचिका पर बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में आंशिक सुनवाई हुई।

जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से सीबीआई ने इस मामले में आगे की तारीख देने की मांग की। इस पर अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख दिसंबर के दूसरे सप्ताह में मुकर्रर की है। सीबीआई ने यह याचिका करीब दस महीने पहले दायर की थी। इसके बाद से इस पर एजेंसी के आग्रह पर सुनवाई की तारीखें पहले भी आगे बढ़ चुकी हैं।

सीबीआई की विशेष अदालत ने देवघर कोषागार से धोखाधड़ी के जरिए निकासी से संबंधित मामले (आरसी 64ए) में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराते हुए दिसंबर 2017 में साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई थी। सजा की अवधि का आधा हिस्सा पूरा करने के बाद उन्हें पिछले साल जुलाई में झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।

सीबीआई ने इसी मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि लालू यादव सहित अन्य को कम सजा दी गयी है, जबकि लालू इस मामले के षड्यंत्रकर्ताओं में शामिल है। इस मामले में निचली अदालत से जगदीश शर्मा को 7 साल की सजा मिली है, इसलिए लालू प्रसाद यादव को भी इतनी ही सजा मिलनी चाहिए।

याचिका में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के अलावा महेश कुमार, बेक जूलियस, सुबीर भट्टाचार्य, फूलचंद सिंह और रविंद्र राणा की भी सजा बढ़ाने की मांग की गयी है। इस पर एक हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर कोर्ट को बताया गया था कि इनमें से आरके राणा और फूलचंद सिंह की मौत हो चुकी है। इस पर कोर्ट ने याचिका से इनका नाम हटाने का आदेश दिया था।

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