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PDP की शर्तों को लेकर BJP असहमत, नहीं बनेगी सरकार!

phpThumb_generated_thumbnailएजेन्सी/जम्मू और कश्मीर में पिछले कई दिनों से पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार बनाने को लेकर की जा रही कोशिशें नाकाम हो गई हैं। 
 
पीडीपी और भाजपा के बीच हुई लंबी वार्ता विफल हो गई है। पीडीपी सूत्रों के अनुसार दोनों पार्टियों के बीच चली वार्ता में आपसी सहमती नहीं होने के कारण अब गठबंधन सरकार का बनना मुश्किल नजर आ रहा है। 
 
वहीं भाजपा ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि सरकार बनाने के लिए पीडीपी की कोई शर्त नहीं मानी जाएगी। गुरुवार रात महबूबा मुफ्ती को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दो टूक कह दिया है कि कोई भी नई शर्तों पर सरकार बनाने के लिए भाजपा तैयार नहीं है। 
 
सरकार यदि बनती है तो उन्हीं पुरानी शर्तों पर बनेगी जो मुफ्ती मोहम्मद सईद के समय पर मानी गई थीं। बाद में शुक्रवार को भाजपा महासचिव राम माधव ने भी तल्ख रुख अपनाते हुए शर्तें मानने की बात से इनकार कर दिया है।
 
गौरतलब है कि मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में राज्य में करीब एक साल तक भाजपा-पीडीपी की सरकार चली थी। बाद में सईद की मौत के बाद 8 जनवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था। नियमों के अनुसार दो विधानसभा सत्रों के बीच छह माह से ज्यादा का समय नहीं हो सकता है।
 
हमारी वजह से नहीं ऐसे हालात
राम माधव ने शुक्रवार को मामले में कड़ा रुख अपनाया। कहा कि हमारा अभी भी वही फैसला है। भाजपा अब किसी भी नई शर्त या मांग को मानने के लिए तैयार नहीं है। आज जो जम्मू कश्मीर के हालात हैं वह हमारे कारण नहीं हैं। यदि सरकार बनाने की बात होगी तो केवल वही बातें मानी जाएंगी जो पहले मानी गई थीं। इसमें अब आगे कोई गतिरोध जारी नहीं रहना चाहिए। जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने में देरी पीडीपी की तरफ से हो रही है। उन्होंने कहा कि पीडीपी मुख्यमंत्री का उम्मीदवार तय कर ले हम उन्हें सपोर्ट करेंगे।
 
अब निर्णय पीडीपी का
भाजपा विधायक दल के नेता निर्मल सिंह ने कहा कि अब भाजपा का रुख साफ है, इस संबंध में पार्टी को और कुछ नहीं कहना है। अब निर्णय पीडीपी को करना है।
 
मोदी से मिलेंगी मुफ्ती
पूरे दिन चले इस उठा पटक के दौर के बाद महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए समय मांगा है। लेकिन अभी तक उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया है।
 
पीडीपी की ये थी शर्तें
 
  • सेना अपने कब्जे वाली प्रदेश की जमीन खाली करे।
  • राज्य के शांति वाले इलाकों से आफ्सपा हटाया जाए।
  • राज्य के विकास के लिए नई योजनाएं बनाई जाएं।
 
जम्मू-कश्मीर में चार जगह से हटेगी सेना
जम्मू कश्मीर में पीडीपी की सेना हटाने की मांग को मान लिया गया है। अब इसके चलते जम्मू कश्मीर के चार बड़े स्थानों से सेना को हटाया जाएगा। सेना जिन स्थानों को खाली करेगी उसमें श्रीनगर स्थित 212 एकड़ का टट्टू ग्राउंड का हिस्सा भी शामिल है। सेना 31 मार्च से पहले राज्य सरकार को इन चारों जमीनों को सौंप देगी। 
 
राज्यपाल एनएन वोहरा और उत्तरी कमान के जीओसी इन सी लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा के बीच हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। इस संबंध में गुरुवार देर रात घोषणा भी कर दी गई। बैठक में सहमति बनी की सेना उत्तरी कमान जम्मू विश्वविद्यालय परिसर के पास 16.30 एकड़ जमीन, श्रीनगर के टट्टू ग्राउंड में 212 एकड़ जमीन, अनंतनाग के हाईग्राउंड स्थित 456.60 कनाल जमीन तथा करगिल के निचले खुरबा थांग स्थित जमीन को राज्य सरकार को देगी। 
 
इस दौरान यह भी निर्णय हुआ कि खुरबा थांग स्थित जमीन भी 31 मार्च से पहले ही राज्य सरकार को सौंप दी जाएगी। इस दौरान मुख्य सचिव स्थल योजना से जुड़े मामलों को देखने के लिए कारगिल का दौरा भी करेंगे। वहीं टट्टू ग्राउंड से संबंधित मामले में राज्यपाल और सेना कमांडर 31 मार्च से पहले मौके का दौरा करेंगे।

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