ओलंपिक के खिलाफ जापान की जनता की मुहिम, लाखों लोगों ने बोली ये बात
स्पोर्ट्स डेस्क : कोरोना काल में इस बार ओलंपिक की मेजबानी होनी है. हालांकि, पहले ये टूर्नामेंट पिछले साल होना था लेकिन कोरोना की वजह से इन खेलों को एक वर्ष तक के लिए पोस्टपोन किया गया था. वही इस साल भी कोरोना वायरस की तेज स्पीड से जापान में इन खेलों की मेजबानी पर फिर से संकट आ गया है.
जापान में इन खेलों की मेजबानी के खिलाफ एक ऑनलाइन मुहिममें याचिका पर बीते कुछ दिनों में 200,000 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं. यानि जापान की आम जनता इस समय ओलंपिक की मेजबानी के पक्ष में नहीं नजर आ रही है.
ये खेल पिछले वर्ष 24 जुलाई से नौ अगस्त के बीच होने थे, लेकिन इन्हें पोस्टपोन किया गया था. अब इन खेलों की मेजबानी 23 जुलाई से आठ अगस्त के बीच होनी है. ओलंपिक में तीन महीनों का टाइम है.
वैसे इन खेलों में प्लेयर्स के अलावा अधिकारी, वॉलेंटियर्स, जापान की पुलिस भी रहेगी. इस लिहाज से सुरक्षा काफी अहम है. इस एंटी ओलंपिक मुहिम को लांच हुए केवल दो दिन हुए हैं और इतने ही दिनों में उसने अपने 200,000 हस्ताक्षर के लक्ष्य को पार करते हुए 210,000 का आंकड़ा छू लिया.
महामारी की चौथी लहर और वेक्सीनेशन की धीमी रफ्तार के चलते टोक्यो में रहने वाले लोग मानते है कि इस वर्ष ओलंपिक की मेजबानी नहीं होनी चाहिए.
जापानी किमोनो दुकान के मालिक कातसुमी अबिको ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बोला कि, ये बेतुका है कि हम कोरोना के रहते हुए ओलंपिक आयोजित करा रहे हैं.
खेलों के आयोजकों हालांकि लगातार कह रहे है कि खेलों की मेजबानी होनी चाहिए. उन्होंने प्लेयर्स और अधिकारियों के लिए कोरोना प्रोटोकॉल्स भी जारी किए हैं.
फाइजर और उसकी जर्मनी की साझेदारी कंपनी बायोटेक एसई ने गुरुवार को बोला था कि वो ओलंपिक में भाग लेने वाले प्लेयर्स को अपनी वैक्सीन देने को तैयार हैं.
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