राजस्थानराज्य

हजरत इमाम हुसैन की याद में निकले ताजिये, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मांगी मन्नतें

दौसा : मुस्लिम समुदाय के पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत की याद में दौसा शहर में मंगलवार देर रात ताजिया निकाले गए। दौसा शहर में हिंदू मुस्लिम सौहार्द की निशानी भी है ताजिए। नागौरी मोहल्ला व शेखान मोहल्ले से ताजिए ढोल ताशों की धुनों के साथ शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए किला सागर पहुंचे। इस दौरान हिंदू समुदाय के लोगों के द्वारा ताजीये की बैठक लगाकर सामाजिक सौहार्द की मिसाल पेश की जाती है और ताजिये के सामने हिंदू समुदाय के लोग मन्नत भी मांगते हैं। आधी रात के बाद दोनों ताजिए किला सागर मैदान पहुंचे, जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा हैरत अंग्रेज करतब दिखाए गए। मुस्लिम समुदाय द्वारा रात को निकाले जाने वाले ताजिया के जुलूस को कत्ल की रात कहा जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हजरत इमाम हुसैन युद्ध में लड़ते हुए शहीद हो गए थे। उनकी याद में मुस्लिम समुदाय द्वारा हर वर्ष ताजिये निकाले जाते हैं। ताजा के जुलूस में बड़ी संख्या में पुरूषों, महिलाओं और बच्चों ने भाग लिया। ताजिया दोसा शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए रात को किला सागर पहुंचकर वापस अपने स्थान नागौरी मोहल्ला और शेखान मोहल्ला में आते हैं। बुधवार को दोनों ताजियों को करबला में सुपुर्दे खाक किया जाएगा। ताजा के जुलूस के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।

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