कोरोना के कड़े प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ चीन में सड़कों पर उतरे लोग, पुलिस वाहनों में की तोड़-फोड़
नई दिल्ली : चीन (China ) में कोरोना की वजह से लगाए गए सख्त लॉकडाउन (Lockdown) के ख़िलाफ़ अब लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है. दक्षिणी चीन के ग्वांगज़ो शहर में लोग कोरोना के इस लॉकडाउन को तोड़ कर घरों से बाहर निकल आए और तैनात किए गए पुलिस से भिड़ गए, इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई. खबरों के मुताबिक ग्वांगज़ो (guangzhou) के कई वीडियो फ़ुटेज में लोग पुलिस वाहनों में तोड़-फोड़ करते दिख रहे हैं, कुछ लोग कोविड कंट्रोल के लिए लगाए गए बैरियर को भी तोड़ रहे हैं.
कोरोना महामारी (corona pandemic) फैलने के बाद चीन के ग्वांगज़ो सहित कई शहरों में कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं. वहां की अर्थव्यवस्था में गिरावट दिख रही है, लिहाज़ा देश की ‘ज़ीरो कोविड’ पॉलिसी (‘Zero Covid’ policy) को लेकर भारी दबाव है. खासकर ग्वांगज़ो शहर के हाइजु ज़िले में काफ़ी तनाव दिख रहा है. यहां लोगों से घरों के अंदर रहने को कहा गया है. बता दें कि इस शहर में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर रहते हैं. इन मज़दूरों का कहना है कि पाबंदियों की वजह सेल अगर वो काम पर नहीं पहुंच पाते हैं तो उनका वेतन रोक दिया जाता है.
सख्त लॉकडाउन की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. रोज़मर्रा की चीजे महंगी हो गई हैं. लोगों का कहना है कि कोविड को क़ाबू करने के लिए उठाए गए इन सख्त क़दमों की वजह से उन्हें काफ़ी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले कई रात से शहर में मज़दूरों का कोविड रोकथाम करने वालेअधिकारियों से टकराव चल रहा था, लेकिन सोमवार की रात को उनका गुस्सा बेकाबू हो गया और पुलिस और पब्लिक में भिड़ंत हो गई.
वहीं, ये भी खबर मिल रही है कि चीन में कोविड को लेकर कई अफवाहें भी फैली हुई हैं. वहां से ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि कोविड टेस्ट करने वाली कंपनियां रिजल्ट में कोरोना संक्रमण (corona infection) को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रही हैं. माना जा रहा है जांच करने वाली कंपनियां टेस्ट की अनिवार्यता को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही हैं. ताकि उन्हें जांच के एवज में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने का मौका मिलेगा.
हेबेई प्रांत में अधिकारियों ने कहा कि यहां के शिजियाझुआंग में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक टेस्टिंग होगी. लेकिन इन अटकलों को हवा मिली है कि सरकार इसके जरिये ये जानने की कोशिश करेगी कि अगर इस वायरस को फैलने दिया जाए तो क्या हो सकता है. इस हालात से घबराए लोगों ने दवा जमा करना शुरू कर दिया है. कहा जा रहा है कि शहर में चीजों की आपूर्ति भी लगभग ठप हो गई है. दो सप्ताह पहले फॉक्सकॉन के फैक्ट्री परिसर में बड़ी तादाद में लोगों ने हंगामा किया था.
चीन के सभी इलाकों में प्रांतीय सरकारें कोशिश कर रही हैं कि जीरो कोविड पॉलिसी की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान न हो. सरकारें जीरो कोविड पॉलिसी और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन बिठाने की कोशिश कर रही हैं. फैक्ट्री उत्पादन और खुदरा बिक्री के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि औद्योगिक उत्पादन पर कोरोना संक्रमण का भारी असर पड़ा है. लिहाजा सरकार को हालात सुधारने के लिए फौरी कदम उठाने होंगे.
हाल के दिनों में किसी भी राज्य से कोविड के पूरी तरह खात्मे की खबर नहीं आई है. चोंगक्विंग शहर में दो करोड़ लोग एक तरह के लॉकडाउन में रह रहे हैं. इसे लोग ‘ वोलेंटरी स्टैटिक मैनेजमेंट’ कह रहे हैं.क्योंकि कोरोना लॉकडाउन के बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. वहां रह रहे समुदायों ने खुद ही लोगों को घरों के अंदर रहने को कहा है.