लोग मुझे मोनोलॉग वाला लड़का कहकर बुलाते थे: कार्तिक
‘सूर्यवंशी’ से सिनेमाघरों की रौनक की वापसी हुई है। हालांकि, इस शुक्रवार कार्तिक आर्यन और राम माधवानी की ‘धमाका’ पहले नेटफ्लिक्स पर आ रही है। कार्तिक इसमें ’भरोसा- 24×7’ न्यूज चैनल के एक ऐसे उतावले न्यूज एंकर के रोल में हैं, जिसे हर हाल में सफलता चाहिए। कार्तिक ने कहा कि ऐसा बहुत बार हुआ है। इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले कई बार लगा था कि सामान पैक कर लूं, क्योंकि कुछ नहीं हो रहा है यहां तक कि दो- तीन फिल्मों तक भी लगा कि पता नहीं इंडस्ट्री में कितने लंबे समय तक सस्टेन कर सकूंगा।
काफी टाइम तक यह सीरियस और फनी भी था मेरे साथ कि मेरा नाम लोगों को पता नहीं था। सब मुझे लंबे डायलॉग वो मोनोलॉग वाला लड़के के नाम से पुकारा करते थे। फिर ‘सोनू टीटू..’ के बाद से सब मुझे कार्तिक के नाम से पुकारने लगे। हालांकि उस फिल्म का टायटल बोलने में लोगों को प्रॉब्लम होती है। तो खुद को लेकर सवाल उठते तो थे, मगर मुझे यह हमेशा लगता रहा कि मैं कर सकता हूं। एक उम्मीद और धैर्य था मेरे अंदर। हमने इसे पैंडेमिक के उस दौर में शूट किया, जब लोगों से मिलने की भी इजाजत नहीं थी। मैं तो फिल्म की को-प्रोड्यूसर अमिता माधवानी को सलाम करना चाहूंगा। उन्होंने पूरे क्रू के लिए पूरा होटल बुक कर दिया था। वहां 300 लोगों को ठहराया था। उसके सामने होटल का एक दूसरा ब्लॉक था।
दोनों के बीच एक ब्रिज बनाया गया। ताकि कोई बाहर से न आ सके। जो लोग ठहरे हुए हैं, वो ही सिर्फ होटल से शूट लोकेशन तक जा सकें। लोकेशन भी होटल एरिया में ही थी। सेट पर 300 कुर्सियों पर लोग बैठे हुए थे। हमने उनकी हौसला-अफजाई की कि हम एक यूनीक माहौल में फिल्म बनाएंगे। कार्तिक ने कहा कि उस दौर में सबकी लाइफ में पर्सनली और प्रोफेशनली बहुत कुछ हो रहा था। मेरे साथ भी हुआ, मगर मुझे मेरे परिवार ने इंटैक्ट रखने में काफी मदद की। परिवार बहुत स्ट्रॉन्ग चीज है। हम इसे हालांकि अमूमन बहुत आसानी से इस्तेमाल कर लेते हैं। मैं खुशकिस्मत हूं, जो उस दौर में मेरे मॉम, डैड मेरी बहन साथ थी। लॉकडाउन के दौरान वो सब मेरे साथ थे। बचपन से मैं उनके साथ रहा हूं। बीच में बस कुछेक साल मैं यहां मुंबई में था। वो सब ग्वालियर में थे। लॉकडाउन ने हमें साथ रहने का मौका दिया। अब सब साथ में हैं। तो परिवार ने मुझे रॉक सॉलिड बनाए रखा।