नई दिल्ली। देश में जल्द ही हवाईअड्डों (indian airports) पर सिर्फ चेहरा दिखाने से प्रवेश और निकास से लेकर बोर्डिंग पास(From face to face entry and exit to boarding pass) जैसी सुविधाएं मिलने लगेंगी। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह (Minister of State for Civil Aviation General VK Singh) ने लोकसभा(Loksabha) में बताया, भारत में चार हवाई अड्डों (वाराणसी, पुणे, कोलकाता और विजयवाड़ा) में डिजी यात्रा के पहले चरण के तहत जल्द ही चेहरा पहचानने की तकनीक face recognition technology (FRT) लगाई जाएगी।
फिलहाल भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) एफआरटी आधारित बायोमीट्रिक बोर्डिंग सिस्टम की परियोजना पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, प्रस्तावित डिजी यात्रा सेंट्रल इको-सिस्टम को मार्च 2022 में लाइव करने की योजना है। चार हवाईअड्डों पर मशीनें लगने के बाद विभिन्न हवाई अड्डों पर भी यह तकनीक अपनाई जाएगी।
सांसद वरुण गांधी व राम शंकर कठेरिया के सवाल का जवाब देते हुए सिंह ने बताया कि यात्री डाटा की सुरक्षा के लिए डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम के लिए पंजीकरण करना यात्रियों के लिए वैकल्पिक होगा। एजेंसी
विशेषज्ञों के मुताबिक, यात्रियों के चेहरे को एक बार डिजी यात्रा सिस्टम के पंजीकृत कर लिया जाएगा। इसके बाद उन्हें हवाईअड्डे में प्रवेश करते वक्त पहचान पत्र दिखाने की जरूरत नहीं होगी। टर्मिनल में यात्री के प्रवेश करते ही एयरलाइंस कंपनी को यात्री के आने की जानकारी मिल जाएगी। इसके बाद सिस्टम द्वारा यात्री का बोर्डिंग पास भी सीधे उसके फोन में चला जाएगा।