दिल्ली के सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से कम – केंद्रीय शिक्षा मंत्री
नई दिल्ली । दिल्ली सरकार को घेरते हुए हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों का औसत प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से कम है। उन्होंने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आने से पहले आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि दिल्ली में 500 मॉडल स्कूल बनाए जाएंगे लेकिन एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि बीते 7 सालों में दिल्ली में केवल 63 नए स्कूल खोले गए हैं। वहीं पंजाब सरकार को लेकर उन्होंने कहा कि पंजाब में सरकारी कर्मचारियों के वेतन भुगतान में देरी हो रही है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एक स्कूल की गुणवत्ता उसके लीडर के प्रदर्शन से पता लगती है लेकिन दिल्ली में वर्ष 2020 और 21 में सरकारी स्कूलों के लिए एक भी प्रिंसिपल की नियुक्ति नहीं की गई। केंद्रीय शिक्षा मंत्री का कहना है कि यह जानकारी स्वयं दिल्ली सरकार ने अपने शिक्षा विभाग के पोर्टल पर डाली है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन सच्चाई यह है कि दिल्ली के स्कूलों में छात्रों का नामांकन पहले के मुकाबले घटा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने नेशनल एसेसमेंट सर्वे का हवाला देते हुए बताया कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से पीछे हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकारी स्कूलों ने राष्ट्रीय औसत में 100 में से 54 अंक हासिल किए हैं जबकि दिल्ली के सरकारी स्कूलों को केवल 42 प्रतिशत अंक हासिल हुए हैं। इसी तरह कक्षा पांच का प्रदर्शन भी दिल्ली में राष्ट्रीय औसत से नीचे है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक कक्षा 5 का राष्ट्रीय औसत 48 है जबकि दिल्ली में कक्षा 5 को केवल 37 अंक हासिल हुए हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल एसेसमेंट सर्वे में दिल्ली के सरकारी स्कूल कक्षा आठ के लिए केवल 37 अंक हासिल कर सके जबकि राष्ट्रीय औसत 38 प्रतिशत है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने दसवीं कक्षा के सर्वे का हवाला देते हुए भी बताया कि दसवीं कक्षा के लिए राष्ट्रीय औसत 40 है जबकि दिल्ली के सरकारी स्कूल दसवीं कक्षा के प्रदर्शन के आधार पर केवल 39 फीसदी अंक ही हासिल कर सके। शिक्षा मंत्री का कहना है कि शिक्षा के मामले में दिल्ली चंडीगढ़ से भी पीछे है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि अन्य राज्यों की सरकार की तुलना में दिल्ली सरकार का खर्चा कम है। अन्य राज्यों में पुलिस का खर्चा राज्य सरकारों को करना पड़ता है लेकिन दिल्ली में पुलिस का वेतन केंद्र सरकार देती है। इसी तरह कई सड़कों एवं भवनों की मरम्मत एवं रखरखाव का खर्च केंद्र सरकार करती है। शिक्षा मंत्री का कहना है कि सर प्लस स्टेट होने के बावजूद दिल्ली सरकार अपने वादों के मुताबिक शिक्षा के स्तर को आगे ले जाने में नाकामयाब रही है।