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ओडिशा पंचायत चुनाव: नामांकन में देनी होंगी निजी जानकारियां, झूठे तथ्य पेश करने पर जेल

भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया है, जिसमें पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए नामांकन दाखिल करते समय निजी जानकारी साझा करना अनिवार्य कर दिया है। ओडिशा राजपत्र में प्रकाशित ‘ओडिशा पंचायत कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2021’ में बताया गया है कि सरपंच, समिति सदस्यों, जिला परिषद सदस्यों के पदों के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अनिवार्य रूप से एक हलफनामा प्रस्तुत करना होगा, जिसमें उनके आपराधिक इतिहास, संपत्ति और देनदारियों से संबंधित विवरण और शैक्षिक योग्यता बतानी होगी। अगर उम्मीदवार ने ऐसा नहीं किया तो उसका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा।

अध्यादेश के अनुसार अगर कोई उम्मीदवार या प्रस्तावक चुनाव लड़ने के इरादे से झूठी जानकारी देता है या फिर कोई जानकारी छिपाता है, तो उसके लिए 6 महीने के जेल और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अगर कोर्ट चाहे तो जुर्माना और जेल दोनों हो सकता है। राज्य सरकार ने ओडिशा ग्राम पंचायत अधिनियम 1964, ओडिशा पंचायत समिति अधिनियम 1959 और ओडिशा जिला परिषद अधिनियम, 1991 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश भी जारी किया। अब पंचायती राज संस्थाओं में पदों के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए इसे जमीनी स्तर पर जरूरी कर दिया गया है।

कैबिनेट में 13 प्रस्तावों को मंजूरी
वहीं शुक्रवार को ओडिशा कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें 13 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इसमें सबसे अहम प्रस्ताव लो वोल्टेज की समस्या का समाधान करने का है। ओडिशा सरकार के मुताबिक ग्रामीण ओडिशा में लो वोल्टेज की समस्या को हल करने के लिए 260 करोड़ रुपये के ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। प्रस्ताव के मुताबिक चार जगहों पर ग्रिड सबस्टेशन बनाए जाएंगे। इसके अलावा ओडिशा वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए 1796 रुपये की राशि खर्च की जाएगी।

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