ओमीक्रोन से सुरक्षा देने में सक्षम हैं फाइजर और बायोएनटेक वैक्सीन की तीन खुराकें
तेल अवीव। कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के खिलाफ कौन सी वैक्सीन सबसे ज्यादा कारगर है? फिलहाल सभी को इस सवाल के जवाब का इंतजार है। इजराइल के खोजकर्ताओं ने पाया है कि फाइजर और बायोएनटेक कोरोना वैक्सीन की तीन खुराकें ओमीक्रोन वेरिएंट से सुरक्षा देने में पूरी तरह सक्षम हैं। शेबा मेडिकल सेंटर और स्वास्थ्य मंत्रालय की सेंट्रल वायरोलॉजी लैब ने यह अध्ययन किया है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने 5-6 माह पहले वैक्सीन की दो खुराकें ले चुके 20 लोगों के खून की तुलना उन लोगों से की जिन्होंने करीब एक महीने पहले बूस्टर डोज लगवाया था।
शेबा में संक्रामक रोग इकाई की निदेशक गिली रेगेव-योचाय ने कहा कि जिन लोगों ने 5-6 महीने पहले दूसरी डोज ली थी, उनमें ओमीक्रोन के खिलाफ कोई सुरक्षा क्षमता नहीं देखी गई, हालांकि डेल्टा के खिलाफ उनमें कुछ हद तक सुरक्षा देखी गई। उन्होंने कहा कि अच्छी खबर यह है कि बूस्टर डोज से यह लगभग 100 गुना तक बढ़ सकती है।
बूस्टर खुराक ओमीक्रोन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सुरक्षा दे सकती है। रेगेव-योचाय ने कहा कि बूस्टर डोज डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमीक्रोन के खिलाफ बचाव करने में कम प्रभावी है। उन्होंने कहा डेल्टा की तुलना में इसमें ओमीक्रोन को बेअसर करने की क्षमता करीब चार गुना कम है। इससे पहले फाइजर और बायोएनटेक ने भी दावा किया था कि उनकी बूस्टर डोज नए वेरिएंट को रोकने में कारगर है। इजरायली टीम ने कहा कि उन्होंने वास्तविक वायरस पर रिसर्च की है। जबकि कंपनियों ने ‘स्यूडोवायरस’ पर काम किया है, जिसे ओमीक्रोन के हॉलमार्क म्यूटेशन के लिए बायो-इंजीनियर किया गया था।
साउथ अफ्रीका से सामने आई एक रिसर्च ने सभी को चिंता को बढ़ा दिया था जिसमें कहा गया था ओमीक्रोन वेरिएंट दो डोज की सुरक्षा को भेद सकता है। इजराइल के स्वास्थ्य विभाग के सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रमुख डॉ. शेरोन अलरोय-प्रीस ने कहा था कि जिन लोगों ने बूस्टर डोज ले ली है वे सिर्फ दो खुराक लेने वालों से ज्यादा सुरक्षित हैं। उन्होंने साफतौर पर कहा था कि सिर्फ दो खुराकें सुरक्षा के लिए काफी नहीं हैं। लिहाजा अब कई देशों में बूस्टर डोज को लेकर मांग लगातार बढ़ रही है।