नई दिल्ली। बच्चों के लिए देश में एक और कोरोना रोधी वैक्सीन का परीक्षण शुरू होने वाला है। पुणे स्थित दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) ने अपनी कोवोवैक्स वैक्सीन के लिए रविवार से वालंटियर्स की भर्ती शुरू कर दी है। भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने सीरम को जुलाई महीने में ही कोवोवैक्स के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए मंजूरी दे दी थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कंपनी देश के 10 स्थलों पर 2-17 वर्ष आयुवर्ग के 920 बच्चों पर इसका परीक्षण करेगी। इसमें 2-11 और 12-17 वर्ष आयुवर्ग के 460-460 बच्चे शामिल होंगे।
इससे पहले, देश के दवा नियामक ने बच्चों के लिए जायडस कैडिला की जायकोव-डी के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। जायडस की यह स्वदेशी वैक्सीन 12-18 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को लगाई जाएगी। बच्चों के लिए यह देश की पहली वैक्सीन है। डीसीजीआइ के यहां दिए आवेदन में एसआइआइ की तरफ से कहा गया है कि मौजूदा समय में दुनिया भर में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं। वयस्कों का टीकाकरण होने के बाद बच्चों को कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाएगा। तीसरी लहर में भी बच्चों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। कंपनी ने यह भी कहा है कि जब तक बच्चों का भी टीकाकरण नहीं हो जाता है, शायद कोरोना वायरस खत्म ही नहीं हो। वायरस के खत्म नहीं होने तक सभी के लिए खतरा बना रहेगा।