स्वास्थ्य

मेडिसिन से ज्यादा फायदा पहुंचाती है फिजियोथेरेपी, जानिए इसके लाभ

देहरादून: अधिकांश लोग फिजियोथेरेपी को ‘एक और’ वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति से ज्यादा महत्व नहीं देते। कुछ इसके दायरे को मसाज तक सीमित कर देते हैं, तो कुछ इसे खेल के दौरान लगने वाली चोट को ठीक करने के लिए उपयोगी मानते हैं। पर फिजियोथेरेपी की उपयोगिता इससे कहीं ज्यादा है। अगर दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन के बिना दर्द से राहत पाना चाहते हैं तो फिजियोथेरेपी के बारे में सोचना चाहिए। चिकित्सा और सेहत दोनों ही क्षेत्रों के लिए यह तकनीक उपयोगी है। पर जानकारी की कमी व खर्च बचाने की चाह में लोग दर्द निवारक दवाएं लेते रहते हैं। मरीज तभी फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाते हैं, जब दर्द असहनीय हो जाता है।

फिजियोथेरेपी में न्यूरोलॉजी, हड्डी, हृदय, बच्चों व वृद्धों की समस्याओं के क्षेत्र से जुड़े खास एक्सपर्ट भी होते हैं। आमतौर पर फिजियोथेरेपिस्ट इलाज शुरू करने से पहले बीमारी का पूरा इतिहास देखते हैं। उसी के अनुसार आधुनिक इलेक्ट्रोथेरेपी और स्ट्रेचिंग व व्यायाम की विधि अपनाई जाती है।

फिजियोथेरेपी का महत्व

फिजियोथेरेपी कई प्रकार की चोटों और स्थितियों से उबरने में सहायता के लिए सबसे अधिक निर्धारित उपचार है। क्रोनिक दर्द, एक्सीडेंट्स और खेल की चोटें और गतिशीलता से जुड़ी चुनौतियों को फिजियोथेरेपी के उपयोग से काफी हद तक सुधारा जा सकता है!

1 गति की सीमा
2 व्यायाम
3 मस्तिष्क संबंधी विकार
4 कार्डियोपल्मोनरी स्थितियां
5 दर्द प्रबंधन

फिजियोथेरेपी का विषय लाभ

1- मस्तिष्क की कार्य क्षमता को बढ़ावा देता है।
2- मस्तिष्क में लगी चोट की रिकवरी में मदद करती है फिजियोथेरेपी।
3- दर्द से राहत प्रदान कर आपको बेहतर महसूस करने में मदद करता है।
4 – एक्टिव रहने में मदद करती है फिजियोथेरेपी।

5- फिजियोथेरेपी से मिलती है पाजिटिविटी। फिजियोथेरेपी मरीज को बेहतर बनने और रिकवरी का होप देती है। यदि कोई व्यक्ति शारीरिक चोट का शिकार हो चुका है और उन्हें शारीरिक गतिविधियों में कठिनाई होती है तो ऐसे में फिजियोथेरेपी उन्हें धीरे-धीरे एक्टिव होने में मदद करती है। मरीज अपनी बॉडी को मूव कर पाते हैं इससे मस्तिष्क को एक पॉजिटिव एनर्जी मिलती है। जो आपको हार न मानने की हिम्मत देती है।

1- किन किन बीमारी में फिजियोथेरेपी करा सकते हैं।

A- शारीरिक अक्षमता, शारीरिक गतिविधि में सुधार लाने, शारीरिक दर्द, मांसपेशियों की ऐंठन, जोड़ो के दर्द या अकड़न से राहत पाने के लिए फिजियोथेरेपी की जा सकती है।

B- फ्रैक्चर और व्यायाम या फिर खेल के दौरान आया मांसपेशियों का खिंचाव और जोखिमों आदि के उपचार के तौर पर भी फिजियोथेरेपी का सहारा लिया जा सकता है।

C- लकवा के समग्र उपचार में फिजियोथेरेपी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लकवाग्रस्त व्यक्ति अक्सर मांसपेशियों में कमजोरी, गतिशीलता में कमी और तंत्रिका क्षति या अन्य अंतर्निहित कारणों के कारण समग्र कार्यक्षमता में कमी का अनुभव करते हैं।

फिजियोथेरेपी सम्बंधित जानकारी के लिए संपर्क करें –
इंडियन फिजियोथेरेपी & ओस्टियोरेहब सेंटर (न्यू कैंट रोड सलावाला राजपुर रोड ऑपसाइट दून वन कॉम्प्लेक्स हाथीबरकला देहरादून उत्तराखंड 248001 )
821-8970094,8279363147
फिजियोथेरेपिस्ट- Dr.pooja shree deo, Dr.Nagender sharma,Dr.Rajwant,Dr.Hardik,Dr.shreya, dr. Rahul

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