देहरादून: पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के युवाओं को एक ऐसी व्यवस्था दी है, जहां मेहनत और योग्यता ही सफलता की कुंजी बने। राज्य में लंबे समय से प्रतियोगी परीक्षाओं में फैले नकल तंत्र और भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए सरकार ने देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया, जो नकल कराने, पेपर लीक और परीक्षा प्रक्रिया को बाधित करने वाले हर व्यक्ति को कठोर दंड देने का प्रावधान करता है। इस कानून के अंतर्गत नकल माफिया पर कड़ा शिकंजा कसा गया और सैकड़ों दोषियों को सलाखों के पीछे भेजा गया।

इस कड़े कदम ने युवाओं के मन से भय और अविश्वास को खत्म कर पारदर्शी परीक्षा व्यवस्था की नींव रखी। सरकार की ईमानदार और निर्णायक कार्यशैली का परिणाम है कि अब तक 23,000 से अधिक युवा पारदर्शी और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया के माध्यम से सरकारी सेवाओं में चयनित हुए हैं। यह केवल आंकड़ा नहीं बल्कि उन युवाओं के सपनों की सफलता है, जो वर्षों से एक ईमानदार परीक्षा प्रणाली की उम्मीद कर रहे थे। उत्तराखण्ड में अब नकल नहीं, मेहनत बोलती है यह बदलाव मुख्यमंत्री धामी के उस नेतृत्व का प्रमाण है जो युवाओं को न्याय और अवसर दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।