दिल्ली: स्कूलों को 100 फीसदी खोलने के केजरीवाल सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली PIL खारिज
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 अप्रैल 2022 से राजधानी के सभी स्कूलों को शत-प्रतिशत खोलने के दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका (PIL) खारिज कर दी। याचिका में कहा गया था कि स्कूलों को तब तक नहीं खोला जाए जब तक सभी स्कूली बच्चों का पूरी तरह से टीकाकरण नहीं हो जाता। हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार के उस आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 1 अप्रैल से स्कूलों को शत-प्रतिशत खोलने का आदेश दिया गया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की बेंच ने कहा कि ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है जो यह दर्शाता हो कि बच्चे उच्च जोखिम के दायरे में हैं। अदालत ने कहा कि संतुलन साधने की जरूरत है और स्कूल नहीं जाने से बच्चों का ज्यादा नुकसान हो रहा है।
बेंच ने वकील आनंद कुमार पांडे की याचिका खारिज करते हुए कहा कि किसी विशेषज्ञ राय की गैरमौजूदगी में सिर्फ याचिकाकर्ता की आशंका के आधार पर आवेदन पर सुनवाई नहीं की जा सकती। उन्होंने तर्क दिया कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को भौतिक रूप से स्कूल जाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है खासकर तब जब उन्हें कोविडरोधी टीका नहीं लगाया गया हो। पांडे ने याचिका में अनुरोध किया था कि जब तक स्कूल जाने वाले सभी बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक स्कूलों को एक अप्रैल से फिर से पूरी तरह खोलने के दिल्ली सरकार के फैसले को वापस लेने का आदेश दिया जाए।
अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि मुद्दा यह है कि संतुलन होना चाहिए। स्कूल नहीं जाने से बच्चों का अधिक नुकसान हो रहा है। यह कहने के लिए कोई आंकड़ा नहीं है कि बच्चों के कोविड से संक्रमित होने या उनमें कोविड के गंभीर लक्षण होने का जोखिम है। अदालत ने कहा कि यह जनहित याचिका याचिकाकर्ता की अपनी राय पर आधारित है और उसके पास उस आशंका पर विचार करने का कोई ठोस आधार नहीं है जो उसने व्यक्त की है। गौरतलब है कि दिल्ली सहित देशभर में कोरोना के केसों में कमी आने और तेजी से वैक्सीनेशन होने के चलते दिल्ली सरकार ने पिछले माह राजधानी के सभी स्कूलों को 100 फीसदी क्षमता के साथ खोलने का आदेश दिया था। दिल्ली सरकार ने कहा था कि लगातार 2 साल तक स्कूल बंद रहने से पढ़ाई के साथ ही बच्चों के सर्वांगीण विकास पर भी असर पड़ा है।