पीलीभीत, महराजगंज, हाथरस जनपद कोरोना मुक्त
लखनऊ: अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने आज लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि पीलीभीत, महराजगंज हाथरस जनपद कोरोना मुक्त हो गये है, इन जनपदों के मरीज उपचारित होकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिये गये है। जल्द ही प्रयागराज, बरेली और लखीमपुरखीरी भी कोरोना मुक्त हो जायेंगे। कई जनपदों में हॉटस्पॉट की संख्या भी घट रही है। राष्ट्रीय औसत के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश में कोरोना केस की संख्या ग्रोथ रेट, डेथ रेट कम है तथा स्वस्थ होने वालों की संख्या ज्यादा है। कोरोना मुक्त होने वाले जनपदों में जहां संक्रमण समाप्त हो गया है वहां ऐहतियात के तौर पर पूर्व की भांति लॉकडाउन यथावत जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में जिला प्रशासन, पुलिस, चिकित्सकों, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टॉफ, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के अधिकारी एवं कर्मचारीगण व जनसामान्य के सहयोग के कारण सफलता मिली है। श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन से प्रभावित गरीब और कमजोर वर्गों को राहत पहुंचाने के लिए एक हजार रुपए प्रति लाभार्थी की दर से दिए जा रहे भरण-पोषण भत्ते के वितरण कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने अभियान चलाकर शेष निर्माण श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों तथा निराश्रित व्यक्तियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न श्रेणी के 23.70 लाख श्रमिकों को राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से कुल 236.98 करोड़ रुपए का भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस आपदा काल में श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों, निराश्रित व्यक्तियों तथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के परम्परागत कारीगरों आदि को 01-01 हजार रुपए की सहायता राशि के साथ-साथ खाद्यान्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में छूटे हुए निराश्रित पात्र लोगों को भी युद्धस्तर पर चिन्हित करते हुए 01 हजार रुपए के भरण-पोषण भत्ते का लाभ दिया जाए।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि शिक्षण संस्थानों, चिकित्सालयों, कार्यालयों में काम करने वाले अस्थाई कर्मचारियों, आउटसोर्सिंग कर्मी जो लॉक डाउन अवधि के कारण कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं हो पाए हैं, ऐसे कार्मिकों के मानदेय में कोई कटौती न की जाए। निजी क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत श्रमिकों एवं अन्य कर्मियों को भी लॉक डाउन अवधि में मानदेय अवश्य दिया जाए। प्रदेश सरकार गरीबों के हितों के प्रति संवेदनशील है। इसके तहत 30 मार्च, 2020 को 27.15 लाख मनरेगा श्रमिकों को देय 611 करोड़ रुपए उनके खातों में ऑनलाइन हस्तांतरित किए गए। इसी प्रकार 03 अप्रैल, 2020 को वृद्धावस्था, निराश्रित महिला, दिव्यांगजन तथा कुष्ठावस्था पेंशन के 86.71 लाख लाभार्थियों को दो माह की अग्रिम पेंशन की कुल 871.48 करोड़ रुपए की धनराशि ऑनलाइन अन्तरित की गयी है। श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में स्थापित 5154 क्रय केन्द्रों पर 33,158.68 मी0टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। साथ ही गेहूँ के न्यूनतम समर्थन मूल्य रुपये 1925 प्रति कुन्तल के आधार पर 6.287 करोड़ रुपये का भुगतान भी किसानों को किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत 15 अप्रैल से प्रारम्भ किये गये खाद्यान्न वितरण के तहत प्रदेश में प्रचलित कुल 3,55,27,928 राशन कार्ड के सापेक्ष अब तक 2,28,74,802 राशन कार्ड के 9,67,07,350 यूनिट्स पर कुल 4,83,536.750 मी0टन चावल का नि:शुल्क वितरण किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत अब तक 64.39 प्रतिशत राशन कार्ड के 67.73 प्रतिशत यूनिट्स पर 68.09 प्रतिशत खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित किया जा चुका है। श्री अवस्थी ने लॉकडाउन की अवधि में उद्योग विभाग के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि प्रदेश की 37,945 फैक्ट्री से सम्पर्क किया गया, जिनमें 35,968 इकाईयों द्वारा अपने श्रमिकों को लगभग 524.51 करोड़ रुपये के वेतन का भुगतान किया जा चुका है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 6603 औद्योगिक इकाईयां चालू हो गई हैं। प्रदेश में 910 फ्लोर मिल, 419 तेल मिल एवं 267 दाल मिल संचालित हैं। प्रदेश में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूेपमेन्ट एवं मास्क निर्माण की 70 यूनिट तथा सेनिटाइजर की 99 इकाईयां क्रियाशील हैं। प्रदेश में मेडिकल इक्यूपमेन्ट एवं दवा निर्माण से संबंधित 412 इकाईयां संचालित हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि वर्तमान में 869 कोरोना एक्टिव केस हैं। प्रदेश में 15 टेस्टिंग लैब क्रियाशील हैं। अब तक 26,084 लोगों का टेस्ट किया गया जिसमें से 25,115 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 1,025 लोगों को आइसोलेशन में तथा 10814 लोगों को फैसिलिटी क्वारेंटाइन में रखा गया है। प्रदेश में इस समय लगभग 10,000 आईसोलेशन एवं 15,000 क्वारेंटाइन बेड हैं।