भारतीय एड जगत का चेहरा बदलने वाले पीयूष पांडे का निधन, अब तक मिले थे कई सम्मान

नई दिल्ली. इंडियन एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री (Indian advertising industry) के मशहूर नाम पीयूष पांडे (Piyush Pandey) का गुरुवार को निधन हो गया. उन्होंने चार दशकों से ज्यादा वक्त तक ओगिल्वी इंडिया (Ogilvy India) के साथ काम किया. पीयूष पांडे 1982 में ओगिल्वी से जुड़े थे. उन्होंने 27 साल की उम्र में अंग्रेजी-प्रभुत्व वाले विज्ञापन उद्योग में प्रवेश किया और इसे हमेशा के लिए बदल दिया.
बिजनेसमेन सोहेल सेठ ने पीयूष पांडे के निधन पर सोशल मीडिया अकाउंट पर शोक जताया. उन्होंने लिखा, “मेरे सबसे प्यारे दोस्त पीयूष पांडे जैसे जीनियस के खोने से मैं बहुत ज़्यादा दुखी और टूट गया हूं. भारत ने सिर्फ़ एक महान एडवरटाइजिंग माइंड ही नहीं, बल्कि एक सच्चे देशभक्त और एक बहुत अच्छे इंसान को खो दिया है.”
सोहेल सेठ ने आगे कहा कि अब स्वर्ग में ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ पर डांस होगा.” फिल्ममेकर हंसल मेहता ने लिखा, “फेविकोल का जोड़ टूट गया. आज एड वर्ल्ड ने अपना ग्लू खो दिया. पियूष पांडे, आप अच्छे से जाएं.”
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “पद्म श्री पीयूष पांडे के निधन पर अपनी उदासी ज़ाहिर करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. एडवरटाइजिंग की दुनिया में एक महान हस्ती, उनकी क्रिएटिव जीनियस ने कहानी कहने के तरीके को फिर से परिभाषित किया और हमें यादगार और हमेशा याद रहने वाली कहानियां दीं.”
उन्होंने आगे कहा कि मेरे लिए, वह एक ऐसे दोस्त थे, जिनकी चमक उनकी सच्चाई, गर्मजोशी और हाज़िरजवाबी में दिखती थी. मैं हमेशा उनके साथ हुई अपनी दिलचस्प बातचीत को याद रखूंगा. वह अपने पीछे एक गहरा खालीपन छोड़ गए हैं, जिसे भरना मुश्किल होगा. उनके परिवार, दोस्तों और चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं.
विज्ञापन जगत की दिग्गज शख्सियत
पीयूष पांडे का जन्म 1955 में जयपुर के एक परिवार में हुआ था. उनके नौ भाई-बहन थे, जिनमें सात बहनें और दो भाई शामिल थे. पीयूष पांडे के पिता एक बैंक में काम करते थे. पांडे ने कई सालों तक क्रिकेट भी खेला था. उन्होंने एशियन पेंट्स के लिए ‘हर खुशी में रंग लाए’, कैडबरी के लिए ‘कुछ खास है’ और फेविकोल और हच जैसे ब्रांडों के लिए विज्ञापन बनाए.



