स्पोर्ट्स डेस्क : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में रन बनाने वाले बल्लेबाज को लोग हमेशा याद रखते हैं और कोई प्लेयर टेस्ट में रन बनाकर अपनी छाप छोड़ सकता है.
सौरव ने लॉर्ड्स में अपने टेस्ट डेब्यू को खास पल कहा. गांगुली ने अपने पहले टेस्ट में ही शतक मारा था. सौरव गांगुली ने स्टार स्पोर्ट्स के साथ बातचीत में बोला कि, जब हमने बचपन में क्रिकेट खेलना शुरू किया था तब टेस्ट क्रिकेट अच्छा क्रिकेट फॉर्मेट था और मुझे लगता है कि ये अभी भी मुख्य फॉर्मेट है, इसलिए इसे टेस्ट क्रिकेट बोला जाता है.
मुझे लगता है कि कोई प्लेयर कामयाब होना चाहता है और खेल पर अपनी छाप छोड़ता है तो टेस्ट क्रिकेट बड़ा मंच है जो उसे मिल सकता है. लोग उन प्लेयर्स को हमेशा याद रखेंगे जो अच्छा खेलते हैं और टेस्ट मैचों में रन बनाते हैं. क्रिकेट के सभी बड़े नामों में पिछले 40-50 वर्षों में उन सभी के पास सफल टेस्ट रिकॉर्ड हैं.
बीसीसीआई अध्यक्ष ने अपने टेस्ट डेब्यू की सालगिरह पर बोला कि, बहुत लोगों को लॉर्ड्स में अपना पहला टेस्ट खेलने को नहीं मिलता है लेकिन मैंने अपना डेब्यू लॉर्ड्स मैदान पर किया था. मुझे याद है कि उस टाइम मैं प्वाइंट के क्षेत्र में फील्डिंग कर रहा था. लॉर्ड्स में एक खचाखच भरा स्टेडियम होता था और ये मेरे लिए हमेशा एक सुखद तरीके से रन बनाने वाला मैदान रहा है,
मैं पहले दिन लंबे कमरे से नीचे उतरकर हैरान था और सौभाग्य से हमने फील्डिंग की अन्यथा मुझे एक बल्लेबाज के तौर पर तीन नंबर पर बल्लेबाजी करनी थी. शनिवार को मेरा टेस्ट शतक बना, जो शायद मेरे टेस्ट क्रिकेट करियर का सबसे अच्छा दिन है. उस समय स्टेडियम में हर सीट भरी हुई थी.
सौरव ने बोला कि, ये मेरा टेस्ट डेब्यू था और 100 तक पहुंचना था. इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता और उस टेस्ट मैच की मानसिकता उल्लेखनीय थी. बैक-स्टैंड्स पर मारे गये हर एक शॉट के लिए मुझे दर्शकों का प्रोत्साहन मिला और फिर चाय के टाइम 100 पर खत्म करना बहुत खास था.