PM जब पाक जाकर शरीफ से मिल सकते हैं तो क्या मैं ममता बनर्जी से नहीं मिल सकता: संजय राउत
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात पर उठे रहे सवाल पर शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने तीखा पलटवार किया है. संजय राउत ने बुधवार को न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी जब पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ से मिल सकते हैं, तो हम ममता बनर्जी से क्यों नहीं मिल सकते हैं? वह भारतीय हैं और एक राज्य की मुख्यमंत्री हैं.’ उन्होंने आगे कहा कि एक वक्त पर ममता बनर्जी एनडीए का हिस्सा रह चुकी हैं. आज जब वह एनडीए में नहीं हैं तो क्या वह अछूत हो गई हैं?
गैर बीजेपी, गैर कांग्रेस मोर्चा तैयार करने में जुटी हैं ममता बनर्जी
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस पार्टी की प्रमुख ममता बनर्जी इन दिनों दिल्ली में हैं. वह इन दिनों विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रही हैं. बताया जा रहा है कि वह गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस गठबंधन तैयार करने की तैयारी कर रही हैं. ममता बनर्जी ने साल 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी से मुकाबले के लिए क्षेत्रीय दलों का एक संघीय मोर्चा बनाने की संभावना तलाशने के मकसद से एनसीपी प्रमुख शरद पवार तथा तेदेपा, सपा, राजद, बीजद, नेकां के साथ साथ राजग की घटक शिवसेना के नेताओं से भी मुलाकात कर चुकी हैं.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने इस बात से इनकार किया कि शिवसेना किसी मोर्चे में शामिल होगी, लेकिन उन्होंने कहा कि शिवसेना और ममता के बीच बहुत ही अच्छे रिश्ते हैं और कुछ बातें हैं जो ममता उद्धव ठाकरे तक पहुंचाना चाहती हैं. बाद में ममता ने कहा कि वह शिवसेना का सम्मान करती हैं.
एनसीपी ने कहा, संघीय मोर्चा बनाना चाहती हैं ममता
तीन दिन के लिए दिल्ली आईं ममता ने एनसीपी प्रमुख और अन्य पार्टी नेताओं से संसद में उनके कार्यालय में करीब एक घंटे तक बैठक की. एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि बनर्जी ने बिना कांग्रेस के मोर्चा बनाने की वकालत की. शरद पवार ने पूर्व में विपक्षी दलों के साथ रात्रि भोज के बाद बैठक तय होने की बात से इनकार किया था.
पवार से पूछा गया था कि क्या पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ रात्रि भोज के दौरान बैठक है. तब एनसीपी नेता का जवाब था न कोई रात्रि भोज है और न ही कोई बैठक है.
एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि ममता ने बीजेपी को पराजित करने के लिए कांग्रेस को शामिल किए बिना एक संघीय मोर्चा बनाने के पक्ष में राय जाहिर की.
उन्होंने कहा ‘ममता ने कहा कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए एक गैर कांग्रेसी संघीय मोर्चा बनाया जाना चाहिए. उन्हें लगता है कि अगर कांग्रेस विपक्षी मोर्चा का हिस्सा बनेगी तो बीजद, तेदेपा जैसे कई दल गठबंधन में शामिल नहीं होंगे. लेकिन उन्होंने एनसीपी नेता से अन्य विपक्षी दलों के विचार जानने के लिए उनसे बात करने का अनुरोध भी किया.’
बाद में एनसीपी नेता प्रफुल पटेल ने बैठक के बारे में संवाददाताओं को बताया कि दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि बीजेपी से निपटने के लिए विपक्षी दलों के बीच अधिकतम एकता होनी चाहिए.
उन्होंने कहा ‘आने वाले महीनों में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए स्थिति बनेगी. इस बारे में कई तरह के विचार हैं कि किस तरह की पहल की जानी चाहिए.’
पटेल ने संवाददाताओं को बताया ‘बहरहाल, नेताओं ने इस बात पर विचार किया कि विपक्षी एकता की संभावना अधिकतम होनी चाहिए क्योंकि उत्तर प्रदेश में हमने यह देखा है जहां बसपा और सपा ने मिलजुलकर काम शुरू किया. महत्वपूर्ण बात यह है कि विपक्षी दलों के बीच राजनीतिक मतभेद दूर किए जाने चाहिए.’
तेलंगाना के CM से भी मिलीं ममता बनर्जी
एक तरफ जहां तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने राजग के खिलाफ क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने का प्रयास किया वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि उनके द्वारा प्रस्तावित विकल्प ‘पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया’ होगा.
एनडीए नीत केंद्र सरकार पर बरसते हुए ममता ने कहा कि नोटबंदी और बैंक धोखाधड़ी जैसे मुद्दों ने जमीनी स्तर पर लोगों को प्रभावित किया है और समय आ गया है कि बीजेपी ‘‘बोरिया बिस्तर समेटे.’’
ममता ने तेदेपा, टीआरएस, सपा, राजद, बीजद, नेकां और झामुमो जैसे विपक्षी दलों के नेताओं से भी मुलाकात की. आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही तेदेपा हाल ही में बीजेपी नीत राजग से अलग हो चुकी है., तृणमूल नेता ने इस बात पर पुन: जोर दिया कि बीजेपी को हराने के लिए ‘राज्यानुसार रणनीति’ समय की मांग है.
ममता ने संवाददाताओं से कहा ‘‘सभी विपक्षी दलों को मिल कर काम करना चाहिए. बीजेपी के खिलाफ लड़ाई आमने सामने की होनी चाहिए. सभी विपक्षी दलों को चाहिए कि वह राज्यों में बीजेपी के खिलाफ एक दूसरे को मजबूत करने में मदद करें.’’
मुलाकात के बाद ममता ने कही ये बातें
विपक्षी एकता के मुद्दे पर ममता ने उत्तर प्रदेश में सपा और मायावती नीत बसपा के गठबंधन का उदाहरण देते हुए इसकी सराहना की. उन्होंने कहा कि गठबंधन की मदद करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए.
उन्होंने कहा ‘अगर अखिलेश और मायावती लखनऊ में बैठक बुलाते हैं तो हम सभी जाएंगे. जो पार्टी जहां मजबूत है, वहां हमें उसकी मदद करना चाहिए.’ बैठक के बाद ममता ने संवाददाताओं से कहा ‘कम से कम वह बंदूक हाथ में लेकर राजनीति तो नहीं करती. बीजेपी से ज्यादा सांप्रदायिक दल और कोई नहीं है.’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को बीजेपी के बागी नेताओं शत्रुघ्न सिन्हा, यशवन्त सिन्हा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी से भी मुलाकात करेंगी. ममता हालांकि कांग्रेस के बिना संघीय मोर्चा बनाने के पक्ष में बताई जाती हैं लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि वह राहुल गांधी के संपर्क में हैं. तृणमूल नेताओं ने कहा कि वह सोनिया गांधी से मिलने की योजना बना रही हैं. एक सवाल के जवाब में ममता ने संवाददाताओं को बताया कि उनका, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ संदेशों का आदान प्रदान होता रहता है.