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सत्यपाल मलिक: मोदी जी ने मुझसे कहा था कि कश्मीर को इतना चमका दो कि PoK…

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा था कि कश्मीर में इतना काम किया जाए कि पीओके (Pok) के लोग बॉर्डर पार कर इस तरफ आना चाहें. राज्यपाल ने यह भी कहा कि पीओके में हालात बहुत खराब हैं.

शनिवार को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक सरकारी अस्पताल का उद्घाटन किया. कार्यक्रम के दौरान जनता को संबोधित करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि PoK में हालात खराब हैं. PoK के लोग वहां नहीं रहना चाहते. इमरान पीओके के लोगों को भड़काना चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विकास की प्रतिबद्धता भी दोहराई. उन्होंने कहा, ‘जम्मू कश्मीर का विकास करना है, जो जरूर होगा.’

सत्यपाल मलिक ने शनिवार को कहा था कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने जितना काम पिछले एक साल में किया है उतना शायद चुनी हुई सरकार ने भी नहीं किया. राज्यपाल ने कहा, ‘देश की नजरों में राज्यपाल वह होता है जो कि गोल्फ खेलता है, जनता के लिए कुछ नहीं करता है, अपने कार्यकाल के दौरान वह सिर्फ आराम करता है. लेकिन हमने जितना काम पिछले एक साल में किया मुझे नहीं लगता उतना काम किसी चुनी हुई सरकार ने भी किया है. ‘

इससे पहले गुरुवार (12 सितंबर) को जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कश्मीर में सेब किसानों को धमकाने वाले लोगों को जल्द से जल्द सुधर जाने की चेतावनी दी. मलिक ने कहा, ‘हम किसानों की रक्षा करेंगे और उन्हें सुरक्षा देंगे. जो किसानों को धमका रहे हैं, उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी.’

राज्यपाल श्रीनगर में सेब किसानों के लिए बाजार हस्तक्षेप लक्ष्य योजना (मार्केट इंटरवेशन टार्गेट स्कीम) के लांच के मौके पर लोगों को संबोधित कर रहे थे, जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार की नोडल खरीद एजेंसी या एनएएफईडी के जरिए किसानों से लाभकारी मूल्यों पर सेबों की खरीद की जाएगी.

कश्मीर में सेब उत्पादन की महत्ता पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए मलिक ने कहा कि कश्मीर दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा सेब पैदावार केंद्र है. उन्होंने कहा था कि देश के 75 प्रतिशत सेबों की पैदावार जम्मू एवं कश्मीर में होती है और नया तंत्र इस व्यापार को बढ़ावा देगा, जिससे किसानों की कमाई में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी.

मलिक ने कहा था, ‘सी-ग्रेड सेब कुल पैदावार का 40 प्रतिशत हैं, मौजूदा समय में प्रति किलो के लिए तीन से सात रुपये मिलते हैं लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद इसका मूल्य प्रतिकिलो दोगुना और तिगुना हो सकता है.

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