नई दिल्ली : मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही पाकिस्तान से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस बीच केंद्र सरकार ने दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के चलते हथियारों के सप्लायर्स से तैयार रहने को कहा है।
सप्लायर्स से मोदी सरकार ने कहा है कि उन्हें कम समय में अपना प्रॉडक्शन बढ़ाने के लिए तैयार रहें, शॉर्ट नोटिस पर उन्हें हथियार सप्लाई करने पड़ सकते हैं।
हथियारों के सप्लायर्स अपनी क्षमताओं को परखें
मीडिया में चल रही ख़बरों के अनुसार बीते दिनों से हथियारों के सप्लायर्स से सरकार ने कहा है कि सेनाओं की जरूरत के मुताबिक वह अपनी क्षमताओं को परख लें।
सभी सप्लायर्स से कहा गया है कि अतिरिक्त हथियारों के कॉन्ट्रैक्ट को उन्हें तुरंत पूरा करना होगा। एक सरकारी सूत्र ने बताया कि, “सरकार हथियारों की डिलिवरी करने की क्षमता की साफ तस्वीर चाहती है, ताकि प्रॉडक्शन को जरुरत के हिसाब से बढ़ाया जा सके और ऑर्डर को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके”। सूत्रों ने बताया कि पठानकोट एयर बेस पर हुए हमले के बाद से सरकार ऐसी योजना बना रही है।
रक्षा मंत्रालय छोटे हथियार, गोला-बारूद और अतिरिक्त पुर्जे, सुखोई और मिराज फाइटर प्लेन्स के लिए प्राथमिकता के आधार पर चाहता है। इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सर्जिकल स्ट्राइक से एक दिन पहले ही संकेत दिए थे कि रक्षा बजट में इजाफा किया जा सकता है।
अरुण जेटली ने कहा था, “भारत में जितने भी वैश्विक आयोजन होते हैं, उनके लिए सुरक्षा का इंतजाम करना बड़ी चुनौती होती है। सुरक्षा के लिहाज से यह चुनौती कैसी होगी, यह तय नहीं होता। ऐसे में सुरक्षा में कोई कोताही न हो, यह हमारी प्राथमिकता में रहता है।’
सूत्रों की मानें तो सेना के पास छोटे हथियारों और गोला-बारूद की भारी कमी है, जिसे सेना जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है।