नोएडा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली-मेरठ हाइवे का शिलान्यास किया। पीएम ने कहा कि विकास का रथ यूं ही तेजी से बढ़ता रहेगा। सड़क से जुड़ना मतलब विकास से जुड़ना है। हम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दी गति को आगे बढ़ा रहे हैं। हाइवे से जुड़कर गांव का विकास होता है। यह रास्ता नहीं, विकास का राजमार्ग है। इससे उत्तराखंड का विकास होगा। इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय नितिन गडकरी और महेश शर्मा भी मौजूद थे।
इसके बनने के बाद मेरठ से दिल्ली सिर्फ 40 मिनट में ही पहुंच जाएंगे। यह 7566 करोड़ रुपये की लागत से बना 74 किमी लंबा 14 लेन का दिल्ली-डासना-मेरठ सुपर हाइवे होगा। इसके साथ ही एनएच-24 पर 22 किमी लंबे डासना-हापुड़ रोड के चौड़ीकरण के काम की भी शुरुआत होगी।
यह सुपर हाईवे दिल्ली के निजामुद्दीन से शुरू डासना होते हुए मेरठ तक बनेगा। 14 लेन की इस सड़क में 6 लेन एक्सप्रेस वे के होंगे। दोनों ओर 4-4 लेन के हाईवे होंगे। इसे लोग गाजियाबाद, इंदरापुरम और नोएडा जाने के लिए प्रयोग कर सकेंगे। हाईवे के दोनों ओर साइकिल लेन भी बनाई जाएगी।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि संसद में कामकाज सुचारू रूप से होना सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी कांग्रेस की अधिक है क्योंकि उन्होंने छह दशक से अधिक समय तक ‘सत्ता का सुख’ भोगा है। उन्होंने कहा, ‘ यह हमारी जिम्मेदारी है कि लोगों ने जो काम हमें सौंपा है, उसे पूरा किया जाए । यह जिम्मेदारी उन लोगों की अधिक है जिन्होंने 60 साल तक देश पर शासन किया । वे जानते हैं कि संसद की जिम्मेदारी क्या होती है।’ मोदी ने कहा, ‘ यह विशेष तौर पर उनकी जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके राजनीतिक कारणों से देश का विकास अवरूद्ध न हो । उनकी अधिक जिम्मेदारी है क्योंकि जनता ने उन्हें छह दशक तक देश को चलाने का अवसर दिया ।’
उन्होंने कहा, ‘ मैं उन लोगों की नाराजगी को समझ सकता हूं जिन्हें देश चलाने का मौका नहीं मिला । लेकिन जिन्होंने 60 वषरे तक सभी तरह का सत्ता का सुख भोगा, उन्हें संसद को बाधित करने और कामकाज नहीं होने देने का कोई अधिकार नहीं है।’ प्रधानमंत्री की ओर से संसद में कामकाज नहीं होने के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना ऐसे समय में साधा गया है जब हाल में संपन्न संसद के शीतकालीन सत्र में जीएसटी समेत कुछ महत्वपूर्ण सरकारी विधेयक विपक्षी पार्टी के साथ गतिरोध के कारण पारित नहीं हो सके।
एनएच-24 के चौड़ीकरण से एक साथ तीन राज्यों को फायदा मिलेगा। इसमें दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड शामिल है। एक्सप्रेस वे बनने के बाद लखनऊ, बरेली, नैनीताल आने-जाने वाले लोगों को राहत मिलेगी। वहीं, नोएडा और गाजियाबाद के बीच आवागमन भी तेज होगा। इसके बनने से गाजियाबाद और नोएडा की ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर हो जाएगी और घंटों लगने वाले जाम से छुटकारा मिलेगा। इस वक्त यूपी गेट से डासना आने-जाने में एक से दो घंटे लगते हैं। ऐसे में अब समय के साथ ईंधन की भी बचत होगी।