नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गोरक्षा के नाम पर आतंक फैला रहे लोगों पर तीखाहमला बोला। उन्होंने कहा कि कुछ लोग दिन में गोरक्षक का चोला पहन लेते हैं और रात में गोरखधंधा करते हैं।
70-80 फीसदी गोरक्षक गोरखधंधा करते हैं। इन पर बहुत गुस्सा आता है। राज्य सरकारें इन पर कार्रवाई करे।
शनिवार को सरकारी “मायगव्ह” वेबसाइट के दो साल पूरे होने पर नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में टाउनहॉल का आयोजन किया गया। यह पहली बार है जब किसी प्रधानमंत्री ने देश में टाउनहॉल में लोगों के प्रश्नों के जवाब दिए।
मोदी ने कहा कि गौ रक्षा करनी है तो कम-से-कम इसका इंतजाम तो करो कि गायें प्लास्टिक खाकर न मरें। उन्होंने कहा कि गौहत्या से अधिक गायें प्लास्टिक खाकर मर रहीं। सफाई करो और इसी बहाने प्लास्टिक के उपयोग पर रोक भी लगेगी। उन्होंने इसी क्रम में एक कहानी भी सुनाई कि पुराने जमाने में बादशाह सेना के आगे गायों को खड़ी कर देते थे कि विपक्षी दल उन पर हमला नहीं कर पाएं।
पूरी तरह शासन-प्रशासन पर केंद्रित इस कार्यक्रम में मोदी यह संदेश देने में चूके नहीं कि राज्यों की विफलताओं के लिए केंद्र को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। जाहिर तौर पर, वह उन राज्यों को जवाब दे रहे थे जो अपने प्रदेश की योजनाओं की असफलता, दलितों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं को रोकने की विफलता जैसे मुद्दों के लिए मोदी सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं।
सीधे जनता के बीच जवाब
पिछले एक पखवाड़े में गौ रक्षा और दलितों का मुद्दा काफी गर्म रहा है और विपक्ष ने एक सुर में इसके लिए केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया। विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पर आरोप भी लगा कि वह मौन क्यों हैं। गौरतलब है कि गुजरात के साथ-साथ पिछले दिनों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी कुछ घटनाएं हुई हैं। संसद के मानसून सत्र के शुरुआती दिन इन्हीं मुद्दों पर गर्म रहे। प्रधानमंत्री ने इनका जवाब जनता के बीच आकर दिया।
क्या है टाउनहॉल कार्यक्रम
टाउनहॉल कार्यक्रम दरअसल पश्चिम में काफी लोकप्रिय है। इसमें सरकार से लेकर बड़ी कंपनियों तक के अगुआ जनता के बीच आकर अपनी बात रखते हैं और सवालों के जवाब देते हैं। यहां दिल्ली में शनिवार को पहली बार इस तरह का कार्यक्रम हुआ।
मायगव्ह के 2000 यूजर्स आमंत्रित थे
टाउनहॉल में मायगव्ह से जुड़े 35.2 लाख रजिस्टर्ड यूजर्स में से 2000 को आमंत्रित किया गया था। प्रधानमंत्री से लोगों ने देश के विभिन्न राज्यों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा सवाल पूछे। मोदी ने करीब 9 सवालों के जवाब दिए। तीन-तीन सवाल एक साथ पूछे गए। बीच में सवाल भूलने पर मोदी ने सहायकों से जाना कि क्या पूछा गया है।
मप्र के एक युवक ने पूछा कि स्मार्ट सिटी की तर्ज पर स्मार्ट विलेज कब होंगे?
इस पर मोदी ने कहा कि देश में शब्दों की राजनीति करने वालों की कमी नहीं। स्मार्टसिटी का अलग कांसेप्ट है। गांवों में हर तरह की सुविधा होनी चाहिए। गांव में अपनापन होता है। यह ताकत भारत की जड़ों में सामर्थ्य रखती है। रर्बन मिशन के तहत गांवों के विकास का विकास होगा। आत्मा गांव की सुविधा शहर की होना चाहिए। देश में गांव मरना नहीं चाहिए।
एक बार वोट देना लोकतंत्र नहीं
टाउन हॉल की शुरुआत में मोदी से तीन सवाल पूछे गए। जवाब में उन्होंने कहा-देश में लोकतंत्र का सबसे सरल मतलब यह माना जाता है कि एक बार वोट दे दिया और सरकार को कांट्रैक्ट दे दिया जाता है। मैंने तुम्हें वोट दिया अब तुम देखो। कुछ नहीं हुआ तो 5 साल बाद फिर वोट देकर नई सरकार ढूंढ़ लेंगे।
उन्होंने नहीं किया, अब तुम कर दो। इससे लोकतंत्र मजबूत नहीं होता, सरकता है। इसके लिए भारत जैसे विशाल देश में जनभागीदारी की जरूरत है। टेक्नोलॉजी के जरिए यह संभव है। स्वच्छ भारत अभियान जनभागीदारी का अच्छा उदाहरण है।
ये सही है कि ज्यादातर राजनीति में चुनाव जीतने के बाद सरकारों का इस बात पर ध्यान रहता है कि वो अगला चुनाव कैसे जीतेंगी। इसलिए उनकी योजनाओं की प्राथ मिकता इसी बात पर रहती है कि वह अपना जनाधार कैसे बढ़ाएं।
इसके कारण जिस उद्देश्य से कारवां चलता है वो कुछ ही कदमों पर जाकर लुढ़क जाता है। इसके कारण हमारे देश में गुड गवर्नेंस, चेक्स एंड बैलेंस की व्यवस्था। रिस्पॉन्सिबिलिटी विथ एकाउंटबिलिटी जैसे मामलों में उदासीनता प्रवेश कर गई है।
खादी जरूर खरीदें
हैंडलूम संबंधी प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हैंडलूम डे पिछले साल से शुरू किया है। इससे बेरोजगारी दूर होगी। 2 अक्टूबर को कुछ न कुछ खादी का जरूर खरीदें। इसमें डिजायनर्स आ रहे हैं। खादी फॉर नेशन,खादी फॉर फैशन हो।