गुजरात: पीएम मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने गृह राज्य गुजरात में तीन परियोजनाओं का उद्धाटन किया। पीएम ने गुजरात के किसानों के लिए किसान सूर्योदय योजना की शुरुआत की। इसके अलावा प्रधानमंत्री जूनागढ़ जिले में गिरनार रोपवे और अहमदाबाद स्थित यूएन मेहता हृदयरोग संस्थान और शोध केंद्र से संबंधित बच्चों के हृदयरोग से संबंधित अस्पताल का उद्धाटन किया। उन्होंने अहमदाबाद सदर अस्पताल में टेली- कार्डियोलॉजी के लिए मोबाइल एप्लीकेशन सुविधा का भी उद्धाटन किया।
कोरोना महामारी शुरू होने से पहले 45 लाख से अधिक लोगों ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा किया था। अब यह फिर से खुल गया है, और पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
अभी आपने भी देखा है शिवराजपुर बीज को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है, ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन मिला है। ऐसे स्थलों को विकसित करने पर वहां पर्यटक आएंगे और अपने साथ रोजगार के नए अवसर भी लाएंगे। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अब कितना बड़ा टूरिस्ट अट्रेक्शन बन रही है।
अगर गिरनार रोपवे कानूनी उलझनों में नहीं फंसा होता, तो लोगों को इसका लाभ बहुत पहले ही मिलने लग गया जाता। हमें सोचना होगा कि जब लोगों को इतनी बड़ी सुविधा पहुंचाने वाली व्यवस्थाओं का निर्माण, इतने लंबे समय तक अटका रहेगा, तो लोगों का कितना नुकसान होता है।
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इस नई सुविधा के बाद यहां ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु आएंगे, ज्यादा पर्यटक आएंगे। आज जिस रोपवे की शुरुआत हुई है, वो गुजरात का चौथा रोपवे है। बनासकांठा में अंबाजी के दर्शन के लिए, पावागढ़ में, सतपुड़ा में तीन और रोपवे पहले से काम कर रहे हैं।
गिरनार पर्वत पर मां अंबे भी विराजती हैं, गोरखनाथ शिखर भी है, गुरु दत्तात्रेय का शिखर है और जैन मंदिर भी है। यहां की सीढ़ियां चढ़कर जो शिखर पर पहुंचता है, वो अद्भुत शक्ति और शांति का अनुभव करता है। अब यहां विश्व स्तरीय रोपवे बनने से सबको सुविधा मिलेगी, दर्शन का अवसर मिलेगा।
देश में आज अन्नदाता को ऊर्जा दाता बनाने के लिए भी काम किया जा रहा है। कुसुम योजना के तहत किसानों, एफपीओज, कॉपरेटिव, पंचायत जैसे हर संस्थान को बंजर जमीन पर सोलर प्लांट लगाने के लिए सहायता दी जा रही है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत गुजरात के 21 लाख लोगों को मुफ्त इलाज मिला है। सस्ती दवाइयां देने वाले सवा 5 सौ से ज्यादा जनऔषधि केंद्र गुजरात में खुल चुके हैं। इसमें से लगभग 100 करोड़ रुपए की बचत गुजरात के सामान्य मरीजो को भी हुई है।
बीते दो दशकों में गुजरात ने आरोग्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है। चाहे वो आधुनिक अस्पतालों का नेटवर्क हो, मेडिकल कॉलेज हों, गांव-गांव को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ने का बहुत बड़ा काम किया गया है।
गुजरात ने तो बिजली के साथ सिंचाई और पीने के पानी के क्षेत्र में भी शानदार काम किया है। इस कार्यक्रम में जुड़े हम सभी जानते हैं कि गुजरात में पानी की क्या स्थिति थी। बीते दो दशकों के प्रयासों से आज गुजरात उन गांवों तक भी पानी पहुंच गया है, जहां कोई पहले सोच भी नहीं सकता था।
इस योजना के तहत अगले 2-3 वर्षों में लगभग साढ़े 3 हजार सर्किट किलोमीटर नई ट्रांसमिशन लाइनों को बिछाने का काम किया जाएगा। मुझे बताया गया है कि आने वाले कुछ दिनों तक हजार से ज्यादा गांवों में ये योजना लागू भी हो जाएगी। इनमें भी ज्यादा गांव आदिवासी बाहुल्य इलाकों में हैं।
किसानों को रात के बजाय जब सुबह यानि 5 बजे से लेकर रात 9 बजे के दौरान थ्री फेज बिजली मिलेगी, तो ये नया सवेरा ही तो है। मैं गुजरात सरकार को बधाई दूंगा कि बाकी व्यवस्थाओं को प्रभावित किए बिना, ट्रांसमिशन की बिल्कुल नई कैपेसिटी तैयार करके ये काम किया जा रहा है।
गुजरात देश का पहला राज्य था जिसने सौर ऊर्जा के लिए एक दशक पहले ही व्यापक नीति बनाई थी। जब 2010 में पाटन में सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन हुआ था, तब किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि भारत दुनिया को वन सन-वन वर्ल्ड-वन ग्रिड का रास्ता दिखाएगा।
मां अंबे के आशीर्वाद से आज गुजरात के विकास से जुड़े तीन अहम प्रोजेक्ट की शुरुआत हो रही है। आज किसान सूर्योदय योजना, गिरनार रोपवे और देश के बड़े और आधुनिक कार्डियो हॉस्पिटल गुजरात को मिल रहे हैं।
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