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प्रधानमंत्री ने किया अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ विश्व डेयरी सम्मेलन 2022 का उद्घाटन

नई दिल्ली: भारत के बारे में हमेशा से कहा जाता रहा है कि यहां दूध दही की नदियां बहती रही हैं । पर यह नदी ऐसे ही नहीं बहती थी इसके लिए देश ने समय समय पर कठोर परिश्रम किया , रणनीति बनाई और धीरे-धीरे भारत दुग्ध क्षेत्र में आत्मनिर्भर देश बन गया। आज इसी आत्मनिर्भरता को एक नई ऊंचाई देने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ विश्व डेयरी सम्मेलन (आईडीएफ डब्ल्यूडीएस) 2022 का उद्घाटन किया।

चार दिन तक चलने वाला आईडीएफ डब्ल्यूडीएस-2022 सम्मेलन 12 से 15 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें दुनिया के और भारतीय डेयरी हितधारक हिस्सा लेंगे, जिसमें उद्योग जगत के लीडर, विशेषज्ञ, किसान और नीति निर्माता शामिल हैं। यह सम्मेलन ‘पोषण और आजीविका के लिए डेयरी’ विषय पर केंद्रित है। आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022 में 50 देशों के करीब 1500 प्रतिभागियों के भाग लेने की संभावना है। इस तरह का पिछला सम्मेलन भारत में लगभग आधी सदी पहले 1974 में आयोजित किया गया था।

भारतीय डेयरी उद्योग इस मायने में अद्वितीय है कि यह एक सहकारी मॉडल पर आधारित है, जो छोटे और सीमांत डेयरी किसानों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाता है। प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरित होकर, सरकार ने डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके परिणामस्वरूप पिछले आठ वर्षों में दूध उत्पादन में 44 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है।

भारतीय डेयरी उद्योग की सफलता की कहानी आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022 में दिखाई जाएगी, जिसकी वैश्विक दूध में 23 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सालाना करीब 210 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है और इससे 8 करोड़ डेयरी किसान सशक्त हो रहे हैं। इस सम्मेलन से भारतीय डेयरी किसानों को दुनिया की सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में जानकारी हासिल करने में भी मदद मिलेगी।

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