अमेरिका दौरे के बाद मिस्र पहुंचे PM मोदी, एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे के बाद अब मिस्र पहुंच गए हैं. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी खुद एयरपोर्ट पर उन्हें रिसीव करने पहुंचे. इस दौरान पीएम मोदी ने उन्हें गले लगाया. पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. पिछले 26 सालों में ये किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला मिस्र दौरा है. भारत और मिस्र ने इस साल अपने राजनयिक रिश्तों की स्थापना के 75 साल पूरे होने का जश्न भी मनाया है. हालांकि, पीएम मोदी का ये दौरा भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
दरअसल, भारत अमेरिका के साथ डिफेंस टेक्नोलॉजी में भागीदारी करने का प्रयास कर रहा है. साथ ही साथ वह ऐसे मार्केट की तलाश कर रहा है, जहां अपने रक्षा उपकरणों को बेचा जा सके. भारत का मकसद है कि वह अपने रक्षा उद्योग को ज्यादा से ज्यादा मजबूत कर सके. भारत-मिस्र नौसैनिक सहयोग बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श कर सकते हैं.
पीएम मोदी के मिस्र दौरे पर रक्षा उपकरणों के संयुक्त उत्पादन की संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा. मिस्र की जरूरत के हिसाब से भारत उसके लिए जहाज, आर्टिलरी गन और छोटे हथियार बना सकता है. भारत अपनी पहचान एक हथियार मैन्युफेक्चरिंग देश के तौर पर तैयार करने के लिए काम कर रहा है.
वहीं, ब्रह्मोस मिसाइल को खरीदने में भी मिस्र ने दिलचस्पी दिखाई है. मिस्र चाहता है कि वह भारत से इन मिसाइलों को खरीदे. भारत भी अपने रक्षा उत्पादों के एक्सपोर्ट के लिए मिस्र की ओर देख रहा है, क्योंकि मिस्र अपने सैन्य हार्डवेयर का लगातार विस्तार और ट्रांसफोर्मेशन लाने पर विचार कर रहा है. मिस्र भारत से तेजस लाइट एयरक्राफ्ट भी खरीदने में रुचि दिखा रहा है. इसके अलावा एचएएल द्वारा भारत में निर्मित सुखोई-30 एमकेआई और उसके पुर्जों को भी भारत में तैयार करने की विशेषज्ञता है, जिसे मिस्र को दिखाया जा सकता है.
दोनों देशों के बीच सैन्य अभ्यास को भी बढ़ावा देने पर बातचीत हो सकती है. हाल ही में भारतीय सेना प्रमुख ने मिस्र के चीफ ऑफ ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल अहमद एफ खलीफा से दिल्ली में मुलाकात भी की थी, जिसमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने और दोनों देशों के पारस्परिक हित के क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई.
इस साल पहली बार मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत आए. मिस्र की सेना की एक सैन्य टुकड़ी ने भी गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया था. भारतीय सेना ने हाल ही में मिस्र की सेना के साथ ‘एक्सरसाइज साइक्लोन-I’ का पहला संयुक्त अभ्यास किया था. पिछले साल ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मिस्र की यात्रा की थी, जिसमें दोनों पक्षों ने विभिन्न समुद्री क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने की मांग की थी.