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PM मोदी ने देशवासियों से जल संरक्षण और कुपोषण के खिलाफ अभियान में शामिल होने का आह्वान किया

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को देशवासियों से जल संरक्षण की दिशा में सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों और कुपोषण के खिलाफ उसकी ओर से चलाए जा रहे अभियान को मजबूती देने का आह्वान किया।

आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) की 92वीं कड़ी में देशवासियों से अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जिस तरह स्वच्छता और टीकाकरण अभियान के दौरान देश की सामूहिक शक्ति की भावना दिखी, उसी प्रकार ‘आजादी के अमृत’ महोत्सव के तहत चलाए गए तिरंगा अभियान में देशभक्ति का जज्बा नजर आया।

मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक ‘स्वराज’ का जिक्र किया। साथ ही देशवासियों से आग्रह किया कि वे आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने वाले गुमनाम नायक-नायिकाओं की कहानी बच्चों को जरूर दिखाएं। प्रधानमंत्री ने जल को मानवता का ‘परम मित्र’ और जीवनदायिनी बताया। उन्होंने कहा कि जल से ही अन्न उत्पन्न होता है और फिर उस से ही सभी का हित होता है।

अमृत सरोवर सहित जल संरक्षण की दिशा में किए जा रहे विभिन्न प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आज अमृत सरोवर का निर्माण एक जन-आंदोलन बन गया है। मेरा आप सभी से और खासकर युवा साथियों से आग्रह है कि आप अमृत सरोवर अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और जल संचय व संरक्षण के इन प्रयासों को पूरी की पूरी ताकत दें। उन्हें आगे बढ़ाएं।”

मोदी ने कहा कि अमृत सरोवर अभियान आज की अनेक समस्याओं का समाधान तो करता ही है, साथ ही यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उतना ही आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत कई जगहों पर पुराने जलाशयों का कायाकल्प भी किया जा रहा है।

कुपोषण के खिलाफ देश में चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि आप आने वाले पोषण माह में कुपोषण को दूर करने के प्रयासों में जरूर हिस्सा लें।” तिरंगा अभियान के तहत देशभर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों का विस्तार से वर्णन करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘हमने स्वच्छता अभियान और टीकाकरण अभियान में भी देश की भावना को देखा था। अमृत महोत्सव में हमें फिर देशभक्ति का वैसा ही जज्बा देखने को मिल रहा है।”

उन्होंने कहा कि इस दौरान सैनिकों ने जहां पहाड़ की ऊंची-ऊंची चोटियों पर, देश की सीमाओं पर और बीच समंदर में तिरंगा फहराया, वहीं लोगों ने तिरंगा अभियान के लिए अलग-अलग नवाचार वाले विचार प्रस्तुत किए। मोदी ने कहा, ‘‘इतना बड़ा देश, इतनी विविधताएं, लेकिन बात जब तिरंगा फहराने की आई तो हर कोई एक ही भावना में बहता दिखाई दिया। तिरंगे के गौरव के प्रथम प्रहरी बनकर लोग खुद आगे आए।”

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