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रतन टाटा को PM मोदी ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, PM Care Fund के बनाये गए ट्रस्टी

नई दिल्ली: दिग्गज भारतीय उद्योगपति और टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें पीएम केयर (PMCares) फंड का नया ट्रस्टी नियुक्त किया गया है. रतन टाटा के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस केटी थॉमस (KT Thomas) और लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर करिया मुंडा (Kariya Munda) को पीएम केयर्स फंड का ट्रस्टी बनाया गया है.

पीएम केयर फंड में ये नए सदस्य
रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा भी देश के कुछ अन्य बड़ी हस्तियों को सलाहकार समूह में नॉमिनेट किया गया है. इसमें कहा गया कि एडवाइजरी बोर्ड में पूर्व कैग राजीव महर्षि, इन्फोसिस फाउंडेशन की पूर्व चेयरपर्सन सुधा मूर्ति, इंडिकॉर्प्स और पिरामल फाउंडेशन के पूर्व सीईओ आनंद शाह को नामित किया गया है.

पीएम की अध्यक्षता में बैठक
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक संपन्न हुई थी. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharamn) मौजूद थीं. इसके साथ ही नए चुने गए सदस्यों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने नए ट्रस्टियों का स्वागत किया. बता दें कि PM CARES फंड को 2020 में कोरोना महामारी के दौरान आपातकालीन राहत के रूप में बनाया गया था. इस फंड के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं.

दिल खोलकर दान करते हैं रतन टाटा
रतन टाटा (Ratan Tata) की शख्सियत देखें, तो वो सिर्फ एक बिजनेसमैन ही नहीं, बल्कि एक सादगी से भरे नेक और दरियादिल इंसान, लोगों के लिए आदर्श और प्रेरणास्रोत भी हैं. वे अपने टाटा ग्रुप से जुड़े छोटे से छोटे कर्मचारी को भी अपना परिवार मानते हैं और उनका ख्याल रखने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते. इसके अलावा वे कमाई का एक बड़ा हिस्सा डोनेट करने के लिए भी जाने जाते हैं.

प्रधानमंत्री ने कही ये बड़ी बात
प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत कोष (PM CARES Fund) का ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन 27 मार्च, 2020 को नई दिल्ली में रजिस्ट्रेशन एक्ट1908 के तहत कराया गया था. इस फंड में दिया जाने वाला दान या डोनेशन पूरी तरह कर मुक्त होता है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा कि नए ट्रस्टियों और सलाहकारों की भागीदारी से इस फंड की कार्यप्रणाली को व्यापक दृष्टिकोण मिलेगा. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में उनका व्यापक अनुभव, इस कोष को विभिन्न सार्वजनिक आवश्यकताओं के प्रति अधिक उत्तरदायी बनाने में और अधिक उत्साह प्रदान करेगा.

गौरतलब है कि लेखापरीक्षण की ओर से बीते दिनों जारी बयान में जानकारी देते हुए बताया गया था कि कोविड-19 महामारी जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए बनाये गये प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) में वित्त वर्ष 2020-21 में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई और यह राशि 10,990 करोड़ रुपये हो गई, जबकि इस फंड से खर्च की रकम बढ़कर 3,976 करोड़ रुपये हो गई. इसमें प्रवासी कल्याण के लिए 1,000 करोड़ रुपये और कोविड टीकों की खरीद के लिए 1,392 करोड़ रुपये से अधिक की रकम भी शामिल रही.

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