फ्रांस के लिए रवाना हुए PM मोदी, राष्ट्रपति मैंक्रों के साथ करेंगे…15 जुलाई को जाएंगे UAE
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह तीन दिवसीय दौरे पर फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की आधिकारिक यात्रा पर रवाना हो गए। पीएम मोदी गुरुवार शाम को पेरिस पहुंचेंगे, यहां के ऑर्ली एयरपोर्ट पर उनका पारंपरिक तौर पर स्वागत किया जाएगा।
पीएम मोदी पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस की परेड में बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे। फ्रांस यात्रा के दौरान भारत-फ्रांस रणनीतिक साझीदारी नई ऊंचाई पर ले जाने के वास्ते लड़ाकू विमानों के इंजन के सहनिर्माण सहित कई महत्वपूर्ण समझौते होने की संभावना है। पीएम मोदी सबसे पहले फ्रांस की सीनेट के अध्यक्ष और फिर उस देश के प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। शाम करीब साढ़े 7 बजे वह भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पीएम मोदी के सम्मान में निजी डिनर देंगे। शुक्रवार को मोदी का रस्मी स्वागत किया जाएगा और वे बास्तील दिवस परेड में शामिल होंगे। इस परेड में भारत की तीनों सेनाओं के 269 सैनिकों का दस्ता फ्रांसीसी सैन्य दस्तों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मार्च करेगा। भारतीय वायुसेना के तीन राफेल युद्धक विमान भी फ्लाईपास्ट में शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष, कई अन्य नेताओं एवं प्रमुख फ्रांसीसी हस्तियों से मुलाकात करेंगे। उसी शाम मोदी की राष्ट्रपति मैक्रों के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी। बाद में दोनों नेता कुछ बड़ी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (CEO) से मिलेंगे। राष्ट्रपति मैक्रों मोदी के सम्मान में राजकीय भोज आयोजित करेंगे।
दोनों पक्षों में रक्षा, अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु ऊर्जा, उच्च प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, सौर गठजोड़, आर्थिक साझीदारी, स्थिर आपूर्ति श्रृंखला, मेक इन इंडिया आदि क्षेत्रों में सहयोग के बारे में अहम बातचीत होगी। प्रौद्योगिकी नवान्वेषण -वीवाटेक, स्टार्ट अप्स एवं अंतरिक्ष आर्थिकी (स्पेस इकोनॉमी) के बारे में कोई पहल हो सकती है। पीएम मोदी की यह प्रधानमंत्री के रूप में छठी फ्रांस यात्रा होगी।
मोदी इस यात्रा के दूसरे चरण में 15 जुलाई को आबूधाबी पहुंचेंगे, जहां वह यूएई के राष्ट्रपति एवं आबूधाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ बातचीत करेंगे। दोनों के बीच द्विपक्षीय बैठक में आपसी सहयोग के समझौते होने की संभावना है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझीदारी लगातार मजबूत हो रही है और प्रधानमंत्री की यात्रा ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, खाद्य सुरक्षा, फिनटेक, रक्षा और संस्कृति जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इसे आगे बढ़ाने के तरीकों की पहचान करने का अवसर होगी। यह दोनों पक्षों के लिए वैश्विक मुद्दों पर सहयोग पर चर्चा करने का भी अवसर होगा। यह चर्चा इस संदर्भ में भी विशेष महत्व की होगी क्योंकि यूएनएफसीसीसी (जलवायु परिवर्तन संबंधी वार्ता) के सीओपी-28 सत्र की अध्यक्षता यूएई कर रहा है और जी-20 की भारत की अध्यक्षता में आयोजित बैठकों में यूएई एक विशेष आमंत्रित सदस्य है।