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वैश्विक मंच से अहम संदेश देकर दक्षिण अफ्रीका से रवाना हुए PM मोदी

जोहानिसबर्ग. दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के जोहानिसबर्ग में जी-20 देशों (G-20 countries) के सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज IBSA लीडर्स समिट में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने डिजिटल इनोवेशन एलायंस का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरा परिषद (UNSC) में सुधारों पर भी जोर दिया। दौरा पूरा करने के बाद पीएम मोदी जोहानिसबर्ग से भारत रवाना हो गए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार पर जोर दिया। पीएम मोदी ने इस यात्रा के दौरान जी-20 समिट से इतर ब्राजील के राष्ट्रपति लूला और दक्षिण अफ्रीकी समकक्ष रामफोसा से भी मुलाकात की। तीनों देशों के नेताओं के बीच अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने उनके साथ व्यापार, निवेश, खनन, महत्वपूर्ण खनिज, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) समेत कई क्षेत्रों में परस्पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच कौशल विकास और खाद्य सुरक्षा पर भी बातचीत हुई।

अफ्रीका में ब्राजील और अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों से प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात के संबंध में विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी। तस्वीरों के साथ साझा किए गए ब्यौरे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि पीएम मोदी ने आईबीएसए लीडर्स की बैठक में हिस्सा लेकर भारत की सोच को मुखरता से पूरी दुनिया के सामने रखा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में अपने कार्यक्रमों को पूरा करने के बाद दक्षिण अफ्रीका से रवाना हो गए। विदेश मंत्रालय के मुताबिक विश्व के कई बड़े नेताओं के साथ पीएम मोदी की बैठकें सफल रहीं। इसके बाद प्रधानमंत्री ने जोहानिसबर्ग से नई दिल्ली के लिए प्रस्थान किया।

फैसले लेने की अंतिम जिम्मेदारी इंसानों के पास ही रहे
अत्याधुनिक तकनीक से घिरे होने के बावजूद इंसानों की अहमियत रेखांकित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, सबसे जरूरी बात यह है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को मानव क्षमताओं को बढ़ावा देना चाहिए, लेकिन फैसले लेने की अंतिम जिम्मेदारी हमेशा इंसानों के पास ही रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एआई के इस युग में हमें अपने दृष्टिकोण को आज की नौकरियों से बदलकर तेजी से कल की क्षमताओं की ओर ले जाना चाहिए। नवाचार को गति देने के लिए प्रतिभा और गतिशीलता को बढ़ावा देना भी जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले कुछ वर्षों में जी-20 प्रतिभा गतिशीलता के लिए एक वैश्विक ढांचा विकसित करने में सफल रहेगा।

संसाधनों का कुछ हाथों में केंद्रित होना चिंता का विषय
जी-20 शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन सदस्य देशों के नेताओं की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है, अवसर और संसाधन कुछ बड़ी ताकतों के पास केंद्रित होते जा रहे हैं। दुनियाभर में तकनीक से जुड़े संघर्ष बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने इस टकराव को मानवता के लिए चिंता का विषय बताया। उन्होंने कहा कि संघर्ष नवाचार के रास्ते में रुकावट भी बन रहा है। इसके समाधान के लिए हमें अपनी सोच में मूलभूत बदलाव लाना होगा। प्रौद्योगिकियों के सहारे मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति के प्रति आगाह करते हुए पीएम मोदी ने वित्त-केंद्रित की जगह मानव-केंद्रित प्रौद्योगिकी बनाने का आह्वान किया।

आतंकवाद जैसी गतिविधियों में रोकना होगा एआई का दुरुपयोग
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का दुरुपयोग रोकने के लिए एक वैश्विक समझौते का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि एआई का इस्तेमाल वैश्विक भलाई के लिए हो और इसका दुरुपयोग रोका जाए। ऐसा करने के लिए, कुछ मूल सिद्धांतों पर आधारित एआई और इसे लेकर वैश्विक समझौता करना जरूरी है। पीएम मोदी ने प्रभावी मानवीय निगरानी, डिजाइन के जरिये सुरक्षा, पारदर्शिता और डीप फेक, अपराध तथा आतंकवादी गतिविधियों में एआई के इस्तेमाल पर सख्त प्रतिबंध जैसे पहलुओं को भी जरूरी बताया।

एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का आमंत्रण
प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षित, विश्वसनीय और मानव-केंद्रित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को भी जरूरी बताया। सुरक्षित एआई तकनीक के विकास में योगदान का आह्वान करते हुए पीएम मोदी ने कहा, इब्बा का त्रिपक्षीय मंच एक-दूसरे के विकास के पूरक और सतत विकास का एक उदाहरण बन सकता है। उन्होंने अगले वर्ष भारत में आयोजित होने वाले एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन में आईबीएसए नेताओं को आमंत्रित किया।

आतंकवाद पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं
मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में IBSA की अहमियत को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इब्सा केवल तीन देशों का समूह नहीं है, बल्कि तीन महाद्वीपों, तीन प्रमुख लोकतांत्रिक देशों और तीन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मंच है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें घनिष्ठ समन्वय के साथ आगे बढ़ना होगा। इतने गंभीर मुद्दे पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने मोटे अनाज, प्राकृतिक खेती, आपदा प्रतिरोधक क्षमता, हरित ऊर्जा, पारंपरिक औषधियों और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों को भी रेखांकित किया।

पीएम मोदी ने डिजिटल नवाचार गठबंधन की स्थापना का प्रस्ताव रखा
वैश्विक ताकतों के बीच टकराव के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब दुनिया बंटी और विभाजित नजर आती है, IBSA (इब्सा) एकता, सहयोग और मानवता का संदेश दे सकता है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा से मुखातिब पीएम मोदी ने कहा, तीनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए IBSA को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की बैठक को संस्थागत बनाने पर विचार करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने तीनों देशों के बीच यूपीआई जैसे डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, कोविन जैसे स्वास्थ्य मंचों, साइबर सुरक्षा ढांचे और महिलाओं के नेतृत्व वाली तकनीकी पहल को साझा करने की सुविधा के लिए डिजिटल नवाचार गठबंधन की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार अब विकल्प नहीं, अनिवार्यता: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस यात्रा के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधारों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने सुधार की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि वैश्विक संस्था में बदलाव अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है। उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (आईबीएसए) के नेताओं की बैठक में कहा कि इस त्रिपक्षीय मंच को वैश्विक संस्थाओं में सुधारों के लिए स्पष्ट संदेश देना चाहिए। शिखर सम्मेलन में अपने तीसरे और आखिरी सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के दुरुपयोग को लेकर सतर्क रहने की अपील भी की।

दक्षिण अफ्रीका एक बड़ा व्यापारिक साझेदार
बता दें कि अफ्रीकी क्षेत्र में दक्षिण अफ्रीका, भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। 2023-24 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 19.25 अरब अमेरिकी डॉलर का था। भारत की तरफ से अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 तक दक्षिण अफ्रीका में 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है। ये निवेश फार्मास्यूटिकल्स, सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटोमोटिव, बैंकिंग और खनन क्षेत्र में किए गए हैं।

बिग कैट अलायंस में शामिल होने के न्योता
पीएम मोदी के अफ्रीका दौरे को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं (मोदी-रामफोसा) ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय कंपनियों की बढ़ती मौजूदगी का स्वागत किया और निवेश बढ़ाने के साथ नवाचार पर खास जोर दिया। पीएम मोदी ने भारत में चीतों को शिफ्ट करने में दक्षिण अफ्रीका की भूमिका के लिए राष्ट्रपति रामफोसा को भी धन्यवाद दिया और उन्हें इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस में शामिल होने का न्योता दिया।

वैश्विक दक्षिण की आवाज को करेंगे बुलंद
पीएमओ की तरफ से जारी बयान में आगे कहा गया कि दोनों नेता वैश्विक दक्षण की आवाज को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए। पीएम मोदी ने इब्सा नेताओं की बैठक बुलाने के लिए दक्षिण अफ्रीका की पहल की तारीफ की, जबकि रामफोसा ने 2026 में भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता के लिए पूरा समर्थन दिया। बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद रहे।

युवा प्रतिनिधिमंडल के आदान-प्रदान शुरू करने पर चर्चा
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के मुताबिक राष्ट्रपति रामफोसा के साथ बैठक के दौरान अफ्रीका और भारत के बीच प्रौद्योगिकी और नागरिकों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए युवा प्रतिनिधिमंडल के आदान-प्रदान शुरू करने पर चर्चा हुई। मोदी ने इस साल जी-20 शिखर सम्मेलन की सफल अध्यक्षता के लिए दक्षिण अफ्रीकी नेता को बधाई भी दी। विदेश मंत्रालय के सोशल मीडिया हैंडल के अलावा पीएम मोदी ने भी अपनी मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं।

पीएम मोदी बोले- अफ्रीका के साथ सहयोग बढ़ाने पर चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, जोहानिसबर्ग में राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ बहुत अच्छी मुलाकात हुई। हमने भारत-दक्षिण अफ्रीका साझेदारी से जुड़े हर पहलू की विस्तृत समीक्षा की। खासकर वाणिज्य, संस्कृति, निवेश बढ़ाने और टेक्नोलॉजी, कौशल, एआई, जरूरी खनिज और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को अलग-अलग तरह से बढ़ाने पर बात की।

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