संविधान दिवस समारोह में पीएम मोदी ने लिया हिस्सा, नई पहलों और वेबसाइट का किया उद्घाटन
नई दिल्ली: दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में संविधान दिवस समारोह (Constitution Day celebrations) में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह में हिस्सा लिया और इस दौरान ई-कोर्ट परियोजना के तहत विभिन्न नई पहलों और वेबसाइट का उद्घाटन किया। 2015 से 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इससे पहले, इस दिन को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन MumbaiTerrorAttack की बरसी भी है। 14 साल पहले, जब भारत अपने संविधान और नागरिकों के अधिकारों का जश्न मना रहा था, तब मानवता के दुश्मनों ने भारत पर सबसे बड़ा आतंकी हमला किया था। मैं हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को स्वीकार किए जाने के चलते इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में पीएम ई-कोर्ट परियोजना की शुरुआत भी की। इस परियोजना के तहत वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, डिजिटल कोर्ट और जस्टिस मोबाइल एप 2.0 शुरू की।
विधान दिवस समारोह में अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने कहा कि संचुनौतिपूर्ण कार्य में जाति और अन्य सामाजिक विभाजनों की कुछ हानिकारक समस्याओं को मिटाने की आवश्यकता है। नए विभाजन पैदा किए बिना कानून, समाज और अदालतों के बीच समन्वय की मांग की जानी चाहिए।
विधान दिवस समारोह में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बाबासाहेब डॉ. बी. आर. अंबेडकर के शब्दों को याद करना उपयुक्त होगा जब उन्होंने हमें यह कहकर सावधान किया था कि, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस आजादी ने हमको बड़ी जिम्मेदारियां दी हैं।हमने आजादी पाकर गलत होने के लिए अंग्रेजों को दोष देने का बहाना खो दिया है। उन्होंने कहा कि संविधान वह आधारशिला है जिस पर भारतीय राष्ट्र खड़ा है और हर गुजरते साल नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है।आज यह अवसर मुझे संविधान निर्माताओं के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर देता है।