PM मोदी बोले- भ्रष्टाचार का असर गरीब-वंचित तबकों पर सबसे ज्यादा, भारत इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में G20 भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) की सख्त नीति है। भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा प्रभाव गरीबों पर पड़ता है। इसलिए भ्रष्टाचार से लड़ना हमारी जिम्मेदारी है। हमने आर्थिक भगौड़ों के खिलाफ कानून बनाया। हमारी लड़ाई अब भी जारी है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी बैठक के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया।
भ्रष्टाचार संसाधनों के आवंटन को प्रभावित करता है: पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार का असर गरीबों तथा वंचित तबकों के लोगों पर पड़ता है। भ्रष्टाचार संसाधनों के आवंटन को प्रभावित करता है। भ्रष्टाचार को भारत की कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता। इसके खिलाफ हमने कड़ी नीति अपनाई है।
‘भ्रष्टाचार से लड़ना हमारी जनता के प्रति हमारा पवित्र कर्तव्य’
उन्होंने कहा कि जी20 पर हमारे सम्मिलित प्रयास भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अहम योगदान दे सकते हैं। रवींद्रनाथ टैगोर ने हमें लालच से दूर रहने के प्रति आगाह किया था, क्योंकि यह हमें सच का एहसास नहीं होने देता। भ्रष्टाचार से लड़ना हमारी जनता के प्रति हमारा पवित्र कर्तव्य है।
2018 जी-20 में भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ एजेंडा पेश किया था
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कल्याणकारी योजना में खामियों को दूर किया गया, प्रत्यक्ष हस्तांतरण के जरिए लाभार्थियों को 360 अरब डॉलर दिए गए। 2018 जी-20 में भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ एजेंडा पेश किया था। आपके समूह द्वारा उठाए जा रहे कदमों को देखकर खुशी हुई। हम अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाकर, भ्रष्टाचार को दूर करने के कदम लागू करके बदलाव ला सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री मंत्री जितेंद्र सिंह ने की अध्यक्षता
दरअसल, जी-20 भ्रष्टाचार निरोधी मंत्रिस्तरीय की अध्यक्षता केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने की। यह जी-20 की अब तक की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक होगी। इससे पहले भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत भ्रष्टाचार निरोधी वर्किंग ग्रुप की तीसरी बैठक नौ से 11 अगस्त तक कोलकाता हुई। बैठक में जी-20 सदस्यों, 10 आमंत्रित देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 154 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।