पीएम मोदी ने ईयू चीफ समेत कई यूरोपीय नेताओं से की बात, पोलैंड का जताया आभार
नई दिल्ली: यूक्रेन संकट को लेकर पीएम मोदी ने कई यूरोपीय नेताओं से बात की। यह जानकारी पीएमओ ने दी है। साथ ही उन्होंने युद्ध प्रभावित देश में बिगड़ती स्थिति और मानवीय संकट पर अपनी पीड़ा व्यक्त की। साथ ही युद्ध को समाप्त करने के लिए भारत की अपील को दोहराया।
रूसी सेना की ओर से यूक्रेन पर हमले तेज किए जाने के बाद मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रजेज डूडा और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल से बातचीत की। पीएमओ के मुताबिक मैक्रों से चर्चा के दौरान मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत मानता है कि अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सभी देशों की क्षेत्रीय एकता व अखंडता के प्रति सम्मान समकालीन विश्व व्यवस्था को मजबूती देता है। प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन की बीच वार्ता का स्वागत किया तथा मुक्त और निर्बाध मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने के साथ ही लोगों की आवाजाही को सुगम बनाने पर जोर दिया। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की ओर से युद्ध प्रभावित क्षेत्र से अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने और वहां प्रभावित लोगों के लिए दवाइयों के साथ ही आवश्यक राहत सामग्री भेजने के भारत के प्रयासों से भी राष्ट्रपति मैक्रों को अवगत कराया।
पीएमओ के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रजेज डुडा से भी बात की और यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में मदद देने के लिए उनका आभार जताया। डूडा से चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने यूक्रेन से पोलैंड की सीमा में प्रवेश करने के लिए वीजा की आवश्यकता में ढील देने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया। पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने पोलैंड के नागरिकों द्वारा मुश्किल की इस घड़ी में भारतीय नागरिकों को हरसंभव मदद पहुंचाने के लिए विशेष रूप से सराहना की।
मोदी ने डूडा को बताया कि भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकाले जाने तक केंद्रीय मंत्री वी के सिंह पोलैंड में ही अभियान की निगरानी करेंगे। पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने युद्ध का अंत करने और वार्ता की ओर लौटने की भारत की अपील दोहराई। उन्होंने देशों की क्षेत्रीय एकता और अखंडता के सम्मान पर भी जोर दिया। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल से बातचीत में मोदी ने युद्ध समाप्त कर वार्ता की ओर लौटने पर बल दिया। पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि समकालीन विश्व व्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय कानून, यूएन चार्टर और सभी देशों की क्षेत्रीय एकता व अखंडता को मजबूती प्रदान करने की व्यवस्था है। उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता का स्वागत किया और मुक्त और निर्बाध मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने के साथ ही लोगों की आवाजाही को सुगम बनाने पर जोर दिया।