देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रोन के जरिए केदारनाथ में चल रहे कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस वक्त केदारनाथ धाम में निर्माण कार्य तेजी से किए जा सकते हैं, जो सबसे महत्वपूर्ण कार्य हैं उन्हें चिह्नित कर पहले पूरा किया जाए। पीएम मोदी ने बदरीनाथ धाम के लिए भी डेवलपमेंट प्लान बनाया जाए। अगले 100 साल तक की परिकल्पना के हिसाब से डेवलपमेंट प्लान बनना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए केदारनाथ में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। इस दौरान पीएम मोदी ने ड्रोन से धाम में चल रहे विभिन्न कार्यों को परखा। उन्होंने केदारनाथ मंदिर परिसर, आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट और आस्था पथ, भैरव मन्दिर के रास्ते पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मंदाकिनी नदी पर बन रहे पुल, मंदाकिनी और सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों के निर्माण कार्यों की जानकारी ली।
पीएम मोदी ने कहा कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पेच को केदारनाथ की ऐतिहासिकता से जोड़ा जाए, जिससे श्रद्धालुओं को केदारनाथ के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के बारे में भी रोचक जानकारियां मिल सके। इस क्षेत्र में आध्यात्म से संबंधित भी अनेक कार्य किए जा सकते हैं। इस ओर ध्यान दिया जाए। इससे श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां से जुड़ी धार्मिक और पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी। केदारनाथ के आस-पास जो गुफाएं बनाई जा रही हैं, उन्हें सुनियोजित तरीके से विकसित किया जाए, जिससे इनका स्वरूप आकर्षक हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी केदारनाथ में निर्माण कार्य तेजी से किए जा सकते हैं। शीर्ष प्राथमिकता के कार्य चिह्नित कर पहले उन्हें पूरा किया जाए। केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केंद्र से हर संभव मदद दी जाएगी। बदरीनाथ धाम के लिए भी डेवलपमेंट प्लान बनाया जाए। अगले 100 साल तक की परिकल्पना के हिसाब से डेवलपमेंट प्लान बनाया जाए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में यात्रा की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली।
सीएम ने की 200 करोड़ की धनराशि की मांग
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि केदारनाथ में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राज्य को लगभग 200 करोड़ की धनराशि की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए सीमित संख्या में भगवान केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए अनुमति दी गई है। मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी के पालन करते हुए एक दिन में अधिकतम 800 लोग दर्शन कर सकते हैं।
2020 अंत तक पूरे हो जाएंगे आधे से ज्यादा काम
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने केदारनाथ में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का कार्य 31 दिसंबर तक 2020 तक पूरा हो जाएगा। सरस्वती घाट का कार्य पूर्णता की ओर है, यह कार्य 30 जून जक पूर्ण हो जायेगा। भैरव मंदिर के रास्ते पर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, यह कार्य निर्धारित समयावधि से पहले ही पूरा किया गया है।
तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 05 ब्लॉकों में घर बनाऐ जा रहे हैं, जिसमें से दो ब्लाको में बनाए जा चुके हैं, शेष ब्लाकों में सितम्बर तक कार्य पूरा हो जाएगा। केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य इस साल सितंहर तक पूरा हो जाएगा। मंदाकिनी नदी पर बन रहे पुल का कार्य अगले साल 31 मार्च पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में ओपन म्यूजियम बनाने की योजना भी बनाई जा रही है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर भी उपस्थित थे।