नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी गुरुवार (18 नवंबर) को ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित ‘सिडनी डायलॉग’ को संबोधित किया है। इस संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी लोकतांत्रिक देशों से यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया कि क्रिप्टोकरेंसी जैसे तकनीकी चीजों का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सिडनी डायलॉग को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बिटकॉइन को लेकर अगाह करते हुए कहा, यह जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश मिलकर इस पर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि बिटकॉइन गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है।” पीएम नरेंद्र मोदी ने सिडनी डायलॉग को संबोधित करते हुए भारत के प्रौद्योगिकी अभ्युदय व क्रांति विषय पर अपनी बार रखेंगे। पीएम मोदी का ये संबोधन गुरुवार सुबह 9 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शुरू हुआ।
पीएम मोदी ने क्या-क्या कहा?
-पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत में डिजिटल क्रांति के बारे में भी बात की। पीएम मोदी ने कहा कि देश वर्तमान में पांच महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं।
-पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल युग में प्रौद्योगिकी और डेटा नए हथियार बन रहे हैं और “भारत मजबूत क्षमता और क्लाउड कंप्यूटिंग विकसित कर रहे हैं।
-पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, प्रौद्योगिकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा अब एक प्रमुख साधन बन गई है, जो भविष्य की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में सबसे जरूरी होगी। प्रौद्योगिकी और डेटा नए हथियार बन रहे हैं। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत खुलापन है। साथ ही हमें निहित स्वार्थों को इस खुलेपन का दुरुपयोग नहीं होने देना चाहिए।
शिंजो आबे का भी होगा संबोधन
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी भारत के प्रौद्योगिकी विकास और क्रांति के विषय पर बोलेंगे। ‘सिडनी डायलॉग’ में पीएम मोदी के संबोधन से पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन अपनी बात रखेंगे।इसके अलावा इस कार्यक्रम में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का भी संबोधन होगा।
17 से 19 नवंबर तक हो रहा है सिडनी डायलॉग का आयोजन
सिडनी डायलॉग का आयोजन 17 से 19 नवंबर तक हो रहा है। यह आयोजन ऑस्ट्रलियाई रणनीतिक और नीति संस्थान की पहल है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, सिडनी डायलॉग का मकसद राजनीतिक, व्यावसायिक और सरकार में शामिल नेताओं को साथ लाने का है, जहां राजनीतिक, व्यापारिक और सरकारी नेता एक साथ मिलकर नए विचारों पर बहस करें।