उत्तराखंड

उत्तराखंड को पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात देंगे PM मोदी, जानिए स्‍टॉपेज, स्‍पीड और ट्रेन का पूरा शेड्यूल

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड को पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात देंगे। पीएम मोदी देहरादून से दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुबह 11 बजे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहेंगे। इससे पहले मंगलवार को (23 मई) वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया।

विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस वंदे भारत ट्रेन यात्रियों, विशेष रूप से राज्य में आने वाले पर्यटकों के लिए आरामदायक यात्रा का अनुभव कराएगी। पीएम मोदी के हरी झंडी दिखाने के बाद देहरादून-दिल्ली वंदे भारत ट्रेन नियमित रूप से 28 मई से चलेगी। इससे देहरादून और दिल्ली के बीच ट्रैवल टाइम की बचत होगी। वंदे भारत, देहरादून से चलने वाली सबसे तेज ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस से करीब एक घंटे कम समय में दिल्ली पहुंचाएगी।

हफ्ते में 6 दिन चलेगी ट्रेन
देहरादून और दिल्ली के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस बुधवार को छोड़कर हफ्ते में छह दिन चलेगी। देहरादून और दिल्ली के सफर में ट्रेन के केवल पांच स्टॉपेज होंगे। इनमें हरिद्वार, रुड़की, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ शामिल हैं। ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 110 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। वहीं, औसत रफ्तार 63.41 तय की गई है। ट्रेन का किराया भी जल्द निर्धारित किया जाएगा। जो शताब्दी एक्सप्रेस से 1.2 से 1.3 फीसदी अधिक हो सकता है।

देहरादून से दिल्ली का शेड्यूल
स्टेशन समय
देहरादून 7:00 बजे (सुबह)
हरिद्वार 8:04 बजे
रुड़की 8:49 बजे
सहारनपुर 9:27 बजे
मुजफ्फरगनर 10:07 बजे
मेरठ 10:37 बजे
आनंद विहार 11:45 बजे
दिल्ली से देहरादून का शेड्यूल
आनंद विहार 5:20 बजे (शाम)
मेरठ 6:38 बजे
मुजफ्फरनगर 7:08 बजे
सहारनपुर 7:55 बजे
रुड़की 8:31 बजे
हरिद्वार 9:15 बजे
देहरादून 10:35 बजे
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान में बुधवार को जानकारी दी गई कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री उत्तराखंड में नव विद्युतीकृत रेल लाइन खंडों का लोकार्पण करेंगे। इससे राज्य का पूरा रेल मार्ग शत प्रतिशत विद्युतीकृत हो जाएगा। विद्युतीकृत खंडों पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा चलाई जाने वाली ट्रेनों से न सिर्फ ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी, बल्कि ढुलाई क्षमता भी बढेगी।

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