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कनाडा के आरोपों के बाद ट्रूडो से PM मोदी की पहली मुलाकात, बाइडेन-जेलेंस्की से भी चर्चा

अपुलिया : जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली दौरे से भारत के लिए रवाना हो गए हैं. जी7 शिखर सम्मेलन के इतर इटली में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और कनाडा के समकक्ष जस्टिन ट्रूडो से हुई उनकी मुलाकात काफी चर्चा में रही. बाइडेन के साथ मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बाइडेन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है. भारत और अमेरिका वैश्विक भलाई को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे.

मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, “जी7 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की.” मुलाकात के दौरान मोदी और ट्रूडो दोनों एक-दूसरे का गर्मजोशी से अभिवादन करते देखे गए. हालांकि तुरंत यह पता नहीं चल पाया है कि मोदी और ट्रूडो के बीच क्या बातचीत हुई.

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बुधवार को कहा था कि कनाडा के साथ भारत का मुख्य मुद्दा कनाडा द्वारा चरमपंथ और हिंसा की वकालत करने वाले भारत विरोधी तत्वों को राजनीतिक पनाह प्रदान करना रहा है. उन्होंने कहा कि भारत लगातार कनाडा को अपनी “गहरी चिंताओं” से अवगत कराते रहा है. और नई दिल्ली को उम्मीद है कि ट्रूडो सरकार उन तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी.

पिछले साल सितंबर में ट्रूडो द्वारा ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की “संभावित” संलिप्तता के आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. नई दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” बताकर खारिज कर दिया था. भारत कहता रहा है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा कनाडा की धरती से संचालित खालिस्तान समर्थक तत्वों को बेखौफ जगह दे रहा है.

भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए निज्जर की पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या की जांच रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) द्वारा की जा रही है. ट्रूडो द्वारा भारत पर लगाए आरोपों के कुछ दिनों बाद, भारत ने कनाडा से देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति को कम करने के लिए कहा ताकि समानता सुनिश्चित की जा सके. इसके बाद कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों को वापस बुला लिया था.

जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से भी मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार हर संभव प्रयास करना जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि शांति का रास्ता “बातचीत और कूटनीति” से होकर जाता है.

‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने और पीएम मोदी ने शांति शिखर सम्मेलन और इसके एजेंडे के मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने इसमें उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया.

पीएम मोदी ने भारत-फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ भी चर्चा की. इसके अलावा पीएम मोदी ने इटली के अपुलिया में जी -7 शिखर सम्मेलन के मौके पर जापानी पीएम फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक की और भारत में लक्षित पांच ट्रिलियन येन के निवेश के साथ मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना पर चर्चा की.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन में बहुत ही उपयोगी दिन रहा. वैश्विक नेताओं से बातचीत की और विभिन्न विषयों पर चर्चा की. साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य ऐसे प्रभावशाली समाधान तैयार करना है जिससे वैश्विक समुदाय को लाभ हो और भावी पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया का निर्माण हो. मैं इटली के लोगों और सरकार को उनके गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं.’

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