नई दिल्ली। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागर विमानन क्षेत्र का लोकतांत्रीकरण कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि कोविड के काल में आर्थिक नुकसान के संकट को झेलने के बाद एक बार फिर से भारतीय नागर विमानन क्षेत्र तेजी से खड़ा हो रहा है। सिंधिया ने कहा कि एयरलाइन और एयरपोर्ट का सबसे महत्वपूर्ण पहलू अंतिम छोर तक संपर्क स्थापित करना है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पिछले सात वर्षों में नागर विमानन क्षेत्र का लोकतांत्रीकरण किया है। उन्होंने कहा कि हवाई यात्रा जो इससे पहले कुछ चुने हुए लोगों तक ही सीमित थी, उसके दरवाजे अब सभी के लिए खोल दिए गए हैं।
केंद्रीय बजट – वर्ष 2022-23 के लिए नागर विमानन मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दावा किया कि पहले सिर्फ बड़े शहरों में एयरपोर्ट हुआ करते थे, लेकिन अब यह परि²श्य पूरी तरह से बदल गया है और अब देश के कई छोटे-छोटे शहरों में भी एयरपोर्ट शुरू हो चुके हैं और कई शहरों में इसका निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने लोक सभा में बताया कि 2014 तक देश में केवल 74 एयरपोर्ट थे, लेकिन पिछले 7 सालों में मोदी सरकार ने 66 नए एयरपोर्ट बनाने का काम किया है और इस तरह से वर्तमान में देश भर में 140 एयरपोर्ट कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस एयरपोर्ट की संख्या को वर्ष 2025 तक 220 तक पहुंचाना चाहती है।
विरोधी दलों द्वारा लगाए गए विनिवेश के आरोपों का जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा कि जिन छह एयरपोर्ट का जिक्र सांसदों ने किया है, उनका विनिवेश नहीं किया गया है, बल्कि यह पट्टे की व्यवस्था के आधार पर निजी क्षेत्र को दिया गया है, जिससे सरकार को 64 प्रतिशत अधिक राशि मिलेगी। उन्होंने सदन को बताया कि इन छह एयरपोर्ट से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को 550 करोड़ रुपये की कमाई होती, लेकिन इसे पट्टे पर देने के बाद प्रतिवर्ष 904 करोड़ रुपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल उस एयरपोर्ट से जुड़े राज्यों में ही एयरपोर्ट के विकास के लिए किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इन छह एयरपोर्ट पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 2300 करोड़ रुपया खर्च किया था, लेकिन पट्टे पर देने के बाद भारत सरकार के खाते में पहले ही 2322 करोड़ रुपये आ चुके हैं।
सिंधिया ने कहा कि आने वाले गर्मियों में सरकार 135 घरेलू और 15 नई वैश्विक उड़ाने शुरू करने जा रहा है। उन्होंने सदन को बताया कि देश में दो नई एयरलाइन – जेट और आकाशा शुरू होने जा रही है। उन्होंने डीजीसीए को ईजीसीए में भी बदलने की बात कही। सिंधिया ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित देश में वापस लाने के लिए चलाए गए ‘ऑपेरशन गंगा’ का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए सिंधिया ने कहा कि इस तरह का अभियान नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री ही सफलता से चला सकते थे। उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना, एयर इंडिया , इंडिगो, गो एयर और स्पाइस जेट के अलावा अन्य कई एयरलाइन्स के 90 विमान इस अभियान में जुटे थे और यूक्रेन के पांच पड़ोसी देशों में यह अभियान चलाया गया।
उन्होंने कोविड संकट काल के दौरान भारतीय नागर विमानन क्षेत्र को 3 बिलियन डॉलर के नुकसान होने की बात कहते हुए दावा किया कि अब यह क्षेत्र सुधार की राह पर है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 100 रुपये का निवेश करने पर अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से 310 रुपये का लाभ मिलता है। प्रत्यक्ष तौर पर एक तो अप्रत्यक्ष तौर पर 6.1 गुना रोजगार मिलता है। सिंधिया ने विमान के ईंधन – एटीएफ पर लगने वाले वैट का जिक्र करते हुए कहा कि उनके आग्रह पर देश के 12 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों ने इसे घटाकर 1 से 4 प्रतिशत के बीच कर दिया है, 12 राज्यों ने इसे पहले से ही घटा रखा था, लेकिन तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को मिलाकर देश के 12 राज्य और संघ शासित प्रदेशों में अभी भी इसकी दर 20 प्रतिशत से ज्यादा है जिसे कम करने की जरूरत है।
उन्होंने सदन को बताया कि देश में नागर विमानन क्षेत्र के विस्तार के लिए सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर अगले 2-3 वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का निवेश करने जा रहे हैं।