कर्ज संकट पर भावुक हुए PM शहबाज, कहा महंगाई से जीना मुश्किल
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई के चलते देश की आर्थिक हालत लगातार बद से बद्तर होती जा रही है। महंगाई ने पाकिस्तान की हेकड़ी निकाल दी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कह रहे हैं, बस अब ओर नहीं सहा जाता। अब शर्मिंदगी महसूस होती है। महंगाई ने पाकिस्तान की हालत ऐसी करदी है कि डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, आईटी एक्सपर्ट्स देश छोड़कर भाग रहे हैं।
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी खत्म होने वाला है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) भी उसे आसानी से कर्ज देने को तैयार नहीं है। इसके लिए उसने कई शर्तें लगा दी हैं, जिसे पूरा करने में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के पसीने छूट रहे हैं।
उन्होंने रविवार को दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 7 अरब डॉलर के कर्ज के लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भावुक शरीफ ने माना कि जीना मुश्किल हो रहा है, लेकिन जिंदा कौम की तरह जिंदा रहना है, भीख मांगकर नहीं। बता दें कि पिछले हफ्ते ही पाकिस्तानी सरकार और नाथ पोर्टर के नेतृत्व वाले आईएमएफ डेलिगेशन के साथ बातचीत चल रही है। पाकिस्तान को हर हाल में इस समीक्षा को पूरा करके शर्तों को मानना है।
वहीं पाकिस्तानी सरकार के फैसले से महंगाई भी काफी बढ़ गई है। शरीफ सरकार ने एलपीजी के दाम में 30 फीसदी की बढ़ोतरी की, जबकि बिजली की दरों में छह रुपये प्रति यूनिट का इजाफा कर चुकी है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ ने बताया कि आईएमएफ डेलिगेशन कर्ज के लिए काफी मुश्किल शर्तें दे रहा है। पाकिस्तानी पीएम शहबाज ने कहा कि आईएमएफ विभिन्न मंत्रालयों के रिकॉर्ड की जांच कर रहा है और सब कुछ और हर सब्सिडी की समीक्षा कर रहा। उन्होंने कहा कि आईएमएफ हर रिकॉर्ड को खंगाल रहा। फिर चाहे वह पेट्रोलियम हो, फाइनेंस हो, कॉमर्स हो या पावर सेक्टर हो। वह हर सब्सिडी की समीक्षा कर रहे।
पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री ने भीख मांगने का भी जिक्र किया और कहा इसे बंद करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें जिंदा रहना है, लेकिन यह कि देश कैसे जिंदा रहते हैं। भीख मांगकर नहीं। यह 75 वर्षों से चल रहा है। हमें इस पर रोक लगानी होगी।शरीफ ने भीख मांगने की इस आदत को तोड़ने का संकल्प लिया, जिसमें देश उलझा हुआ था। उन्होंने कहा कि यह तब रुकेगा जब पूरा देश मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए एकजुट होगा और अपने स्वयं के संसाधनों का उत्पादन करने की प्रतिज्ञा करेगा। ऐसा कहना बहुत आसान था लेकिन करना कठिन था। हम भाषण देते हैं लेकिन एक घंटे के बाद मैं भूल जाता हूं कि मैंने क्या कहा था।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार बुरी ही होती जा रही है। ऐसे में पाकिस्तान लंबे समय से आईएमएफ के सामने हाथ फैला रहा है, लेकिन उसे अब तक मदद नहीं मिली है। पाकिस्तान के स्टेटिक्स ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक महंगाई 48 साल के चरम स्तर पर पहुंच गई है। जनवरी 2023 में पाकिस्तान की महंगाई दर 27.55 पर पहुंच गई जो कि 1975 के बाद सबसे ऊंची है। पाकिस्तान पहले से भी विदेशी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। संकट की इस घड़ी में उसके मित्र चीन ने भी हाथ पीछे खींच लिए हैं।